प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सपना देखा कि गरीबों के सिर पर एक अपनी छत हो। इसी सपने के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की। वैसे तो इस योजना के तहत पूरे देश में आवासों का निर्माण चल रहा है। लेकिन उत्तर प्रदेश में भी पीएम आवास योजना के तहत आवासों का निर्माण कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अभी हाल ही में बताया था कि यूपी के ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 7 लाख से अधिक आवासों का रिकार्ड निर्माण कार्य करने की सफलता हासिल की। लेकिन इस योजना के तहत राजधानी लखनऊ में भी आवासों का निर्माण कार्य हो रहा है या नहीं? इसकी जमीनी हकीकत जानने के लिए uttarpradesh.org की टीम ने ग्राउंड जीरो से पड़ताल की। पेश है एक रिपोर्ट…
काकोरी इलाके में बन रहे आवास
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राजधानी लखनऊ के काकोरी इलाके के रहमतनगर में जब हमारी टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर रियलिटी चेक किया तो यहां करीब एक दर्जन आवासों का निर्माण कार्य चल रहा था। ये आवास अभी अधबने खड़े हुए हैं। आवासों का निर्माण ईंट की जगह मजबूत ब्लॉक (सीमेंट और रेते का मिश्रण) से किया जा रहा है। यहां रखरखाव कर रहे बाराबंकी के रहने वाले अमर सिंह ने बताया कि निर्माण कार्य अभी रूका हुआ है। यहां पर कुल 400 आवासों का निर्माण कार्य किया जायेगा। अभी आम के बाग का भी कटान होना है इसके बाद ही इतनी संख्या में आवासों का निर्माण हो पायेगा।
घरों की डिजाइन भी काफी अच्छी
मेरा घर आवास योजना के तहत बनाये जा रहे आवासों की डिजाइन काफी अच्छी है। घरों का निर्माण काफी मजबूत तरीके से बनाया जा रहा है। कर्मचारियों ने बताया कि इस योजना के तहत घर लेने के अलग-अलग रेट हैं। इनमें 322 वर्ग फुट के घर की कीमत 3.99 लाख रुपये है। 450 वर्ग फुट के घर की कीमत 12.01 लाख रुपये है। 600 वर्ग फुट के घर की कीमत 16.01 लाख रुपये है। वहीं 1000 वर्ग फुट के घर की कीमत 25.01 लाख रुपये है। दावा है कि ब्याज सब्सिडी 6.5 प्रतिशत है और 90 प्रतिशत होम लोन की भी सुविधा दी जा रही है। मेरा घर आवास योजना ब्याज पे सरकारी अनुदान के अंतर्गत है।
सीमेंट के ब्लॉक से बन रहे मजबूत और किफायती मकान
सीमेंट के ब्लाक से बनाये जा रहे ये मकान बनाना लोगों को पसंद आ रहे हैं। यह टिकाऊ भी है और गुणवत्ता में किसी भी तरह ईंटों से कम नहीं है। कारीगरों की माने तो ब्लॉक दीवारें बनाने में ही नहीं, छत बनाने में भी चार इंच मोटे, एक फीट चौड़े और पांच फीट लंबे सीमेंट के ब्लॉक उपयोग में लाए जा रहे हैं। ब्लॉकों से दीवार बनाने में मसाला (सीमेंट और रेते का मिश्रण) भी बहुत कम लगता है। सीलन, दीमक लगने और पपड़ी निकलने जैसे झंझटों से भी छुटकारा मिल जाता है।
मंहगी ईंटों का छोड़िये झंझट
यदि आपको समय पर ईंट नहीं मिल पा रही हैं या ईंटों की बढ़ती कीमत से मकान बनाना सपना लगने लगा है तो चिंता छोड़ दीजिए। अब आप सीमेंट के ब्लॉक से मजबूत और किफायती मकान बनवा सकते हैं। सीमेंट का एक ब्लॉक ईट के मुकाबले अपेक्षाकृत बड़ा होता है और इससे मकान भी फटाफट तैयार कराया जा सकता है। इसके अलावा, सीमेंट ब्लॉक के ढुलान का खर्च भी नहीं होता क्योंकि इन्हें मौके पर ही बनाया जाता है। कर्मचारियों ने बताया कि एक लंबा वाला ब्लॉक करीब 15 रुपये का एक है जो 6 ईंट के बराबर है। फिलहाल ये घर कितने मजबूत होंगे ये तो जब मकान बनकर तैयार हो तब ही पता चल पायेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी योजना की शुरुआत
बता दें कि इस योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 नवंबर 2016 को उत्तर प्रदेश के आगरा जनपद से किया था। वर्ष 2016-17 और 2017-18 दोनों वर्षों के समेकित लक्ष्यों के आधीन एक ही वर्ष 2017-18 में आवासों का निर्माण कराया गया। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश ने एक साल के भीतर 31 मार्च, 2018 तक 771073 घरों का निर्माण पूरा कर लिया, जो संशोधित लक्ष्यों के सापेक्ष 85% है।
गरीबों के लिए बनने वाले इन सभी आवासों को नौ माह के रिकार्ड समय में पूरा किया गया है। जबकि राष्ट्रीय औसत 34% है। इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश भारत में आवासों की पूर्णता में नंबर 1 का राज्य है। आवासों की पूर्णता में द्वितीय स्थान पर छत्तीसगढ़ तथा तृतीय स्थान पर मध्यप्रदेश है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि व्यय की गयी है, जिसे सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंचा दी गयी है।
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