देश भर में आज संविधान निर्माता डॉक्टर भीम राव अंबेडकर की आज 127वीं जयंती मनाई जा रही है। एससी/एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलितों के भारत बंद को देखते हुए सियासी दल इस बार अंबेडकर जयंती पर दलितों को रिझाने के लिए बड़ा दाँव खेल सकते हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए सपा और बसपा का गठबंधन हो जाने के बाद समाजवादी पार्टी आज अंबेडकर जयंती मना रही है। अंबेडकर जयंती पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
सपा कार्यालय पर होगी प्रेस कांफ्रेंस :
2019 के चुनावों को देखते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस लखनऊ के समाजवादी पार्टी के दफ्तर में होगी। इसके पहले बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर 127वीं जयंती पर बधाई देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि बाबा साहेब के रास्ते पर चलकर ही समाज को शोषण मुक्त बनाया जा सकता है। अखिलेश यादव के साथ ही उनके चाचा और सपा के कद्दावर नेता शिवपाल यादव ने भी अंबेडकर जयंती पर ट्वीट कर बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी है। शिवपाल यादव भी इन दिनों काफी नर्म हैं और सपा-बसपा गठबंधन की तारीफें कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये गठबंधन 2019 में भाजपा का यूपी से सफाया कर देगा।
नमन !#AmbedkarJayanti pic.twitter.com/wp7CdqYq2t
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) April 14, 2018
कई घटनाएँ आ चुकी हैं सामने :
संविधान निर्माता बाबा भीमराव रामजी आंबेडकर के नाम पर दलितों के उत्थान पर देश में सियासी बहस तेजी से जोर पकड़ रही है। अब सियासी दलों में बहस है कि किसने आंबेडकर को ज्यादा सम्मान दिया। इसके अलावा यूपी सहित देश भर में बाबा साहब की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं सामने आई हैं। यूपी में डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम बदले जाने पर भी हंगामा हुआ था। राज्यपाल राम नाइक ने अपील की थी कि भीमराव अंबेडकर के नाम में उनके पिता का नाम ‘रामजी’ भी जोड़ा जाए और उनका पूरा नाम भीमराव रामजी आंबेडकर कहा जाए।