राजधानी लखनऊ स्थित जिला कारागार में भी तिहाड़ जेल की तरह कैदियों से मुलाकात होगी। जिला जेल की सुरक्षा व्यवस्था हाईटेक होने जा रही है। इसके लिए पहल शुरू कर दी गई है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय के अनुसार, ट्रॉयल के लिए प्रथम चरण में दो ही खिड़कियों पर तिहाड़ जेल का पैटर्न लागू किया जायेगा। इसमें हाई प्रोफाइल बंदी अनुभव मित्तल, फर्जी मंत्री अभिषेक निगम, विक्रम कोठरी, राहुल कोठरी, गायत्री प्रसाद प्रजापति के अलावा आतंकियों की मुलाकात कराई जाएगी। इसमें चोरी छिपे आपत्तिजनक सामग्री के जेल में प्रवेश पर रोक लगेगी। साथ ही मुलाकात के दौरान भीड़ में तेज बोलने से एक दूसरे की बात सुनने की समस्या से भी निजात मिलेगी।
इटरकॉम पर होगी बंदी से बात
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ जेल में अब कैदियों से मुलाकात तिहाड़ जेल की तर्ज पर कराई जाएगी। यहां एक्रिलिक की सीट लगाकर मुलाकात कक्ष की खिड़कियों को पूरा बंद किया जाएगा। साथ ही मुलाकाती इंटरकाम पर कैदियों से बातचीत करेंगे। एक्रिलिक शीट लगने से कैदी परिचित को देख सकते हो सकेगा लेकिन छू नहीं पाएगा। इससे चोरी छिपे आपत्तिजनक में प्रतिबंधित वस्तुओं का कैदियों तक पहुंचने पहुंचने पर रोक लगाई जाएगी। एक्रिलिक से एक तरफ से दूसरी तरफ दिखाई तो देगा लेकिन आवाज नहीं जाएगी। साथ ही मजबूत होने के कारण इसे तोड़ना नामुमकिन है। एक्रिलिक शीशा कानपुर से मंगाया जा रहा।
25 जुलाई से हो होगी शुरआत, जेल में बंद है 45 आतंकी
इस व्यवस्था की शुरुआत 25 जुलाई से हो जाएगी। जिला जेल में 7 पाकिस्तानी सहित कुल 45 आतंकी बंद है। इसके कारण जेल अतिसंवेदनशील मानी जाती है। अक्सर मुलाकात के दौरान बंदियों के परिचितों के जरिए जेल के अंदर कई आपत्तिजनक और प्रतिबंधित सामग्री भी पहुंच जा रही थी। इस पर लगाम लगाने के लिए 12 मुलाकात खिड़कियों में दो को हाईटेक किया गया है। इन खिड़कियों पर एक्रिलिक शीट लगाई गई है। यहां पर हाई प्रोफाइल बंदियों, आतंकियों की मुलाकात होगी। धीरे-धीरे अव्यवस्था सभी खिड़कियों पर की जाएगी। साथ ही मुलाकात कक्ष में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति को मेटल डिटेक्टर से होकर जाना पड़ेगा। चाहे वह जिलाधिकारी हो या कर्मचारी।