देश की राजधानी दिल्ली में अभी हाल ही में जेएनयू छात्रों के प्रदर्शन की कवरेज करने गई एक महिला छायाकार के साथ दिल्ली पुलिस के इन्स्पेक्टर ने वर्दी की मर्यादाओं को तोड़ते हुए उसके साथ छेड़छाड़ की। इतना ही नहीं खाकी में छिपे गुंडों ने जब बदसलूकी की तो महिला छायाकार ने ये करतूत अपने कैमरे में कैद कर ली। इससे खुन्नस खाये वर्दीधारियों ने महिला छायाकार का कैमरा भी लूट लिया। महिला फोटो जर्नलिस्ट से बदसलूकी के मामले में दिल्ली पुलिस ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए। जांच में दोषी पाए जाने के बाद कमिश्नर के निर्देश पर एक महिला कांस्टेबल और एक पुरुष हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया।
इसके विरोध में पत्रकारों ने दिल्ली पुलिस के हेडक्वॉर्टर के सामने धरना-प्रदर्शन किया। पुलिस से मांग की गई थी कि आरोपी एसएचओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। साथ ही आरोपी इंस्पेक्टर का निलंबन भी होना चाहिए। छायाकार का कैमरा छीनने वाले पुलिसवालों के खिलाफ भी कार्रवाई होना चाहिए। महिला छायाकार के साथ पुलिस द्वारा की गई बदसलूकी के खिलाफ लखनऊ में फोटोजर्नलिस्टों द्वारा गांधी प्रतिमा पर विरोध प्रदर्शन किया गया। लखनऊ के दर्जनों छायाकारों ने अपने अपने कैमरे जमीन में रखकर विरोध जताया और आरोपी अन्य पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस की तरह अपनी ड्यूटी फिर भी नहीं सुरक्षित
पीड़िता का आरोप है कि पुलिस के एक एसएचओ ने महिला फोटो जर्नलिस्ट से छेड़छाड़ की और कुछ पुलिसवालों ने उनसे कैमरा भी छीन लिया। दो दिन बीत जाने के बावजूद भी अभी तक कैमरे का कुछ पता नहीं लग सका है। प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों ने कहा कि वह भी पुलिस की तरह अपनी ड्यूटी निभाते हैं तो फिर उन्हें इस तरह से पुलिस काम करने से क्यों रोकती है? इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर और मुख्य प्रवक्ता दीपेंद्र पाठक ने कहा कि मामले की विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए गए। जांच पूरी कर ली गई है, रिपोर्ट के आधार पर जांच में दोषी पाए जाने के बाद कमिश्नर के निर्देश पर एक महिला कांस्टेबल और एक पुरुष हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि कुछ महिला पुलिसकर्मियों के साथ भी बदसलूकी हुई है। मामले में दोनों ओर से विजिलेंस से जांच कराई जा रही है।