केंद्रीय गृहमंत्री एवं लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह का लखनऊ दौरा सोमवार को समाप्त हो रहा है। अपने दौरे के आखिरी दिन वह आउटर रिंग रोड का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां उन्होंने निरीक्षण के दौरान हो रहे कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ भाजपा विधायक ब्रजेश पाठक और कई नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।
निरीक्षण की शुरुआत राजनाथ ने माटियारी पुल, देवा रोड से की। उन्होंने इंजीनियरों को निर्देश दिए हैं कि बचा हुआ काम जल्द पूरा कर लें ताकि शहरवासियों को रिंगरोड की सौगात दी जा सके। बता दें कि राजनाथ सिंह ने अपने दौरे के दौरान कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। उन्होंने उत्तरायणी कौथिग मेला, फैजुल्लागंज में आवास बांटने, पाकिस्तान में अपना सब कुछ छोड़कर लखनऊ आए 55 निर्वासितों को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र बांटने सहित कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इसके अलावा उन्होंने अपने सरकारी आवास पर भी कई लोगों की समस्याएं सुनी।
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बता दें कि राजधानी लखनऊ में केंद्र सरकार की ओर से 6200 करोड़ रुपए की योजनाओं पर काम कराया जा रहा है। शहर में आउटर रिंग रोड का निर्माण कार्य चल रहा है। 105 किमी लंबी रिंग रोड 5 नैशनल, 6 स्टेट हाईवे और 104 गांवों को शहर से जोड़ रही है। इसके अलावा करीब 8 करोड़ की लागत से केजीएमयू में मरीजों के तीमारदारों के लिए हाईटेक रैन बसेरे का निर्माण, तीमारदारों के आराम के लिए 144 बेड मौजूद हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि आउटर रिंग रोड के निर्माण में कुल 5500 करोड़ का खर्चा आ रहा है। उन्होंने कहा कि लगभग ढाई वर्षों में 105 किलोमीटर लम्बी आउटर रिंग रोड बनकर तैयार होगी तो लखनऊ की तस्वीर काफी बदल जाएगी। गृहमंत्री एवं लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने राजधानी वासियों को नए साल के तोहफे के रूप में आउटर रिंग को चालू करके देंगे। इस आउटर रिंग रोड को अगले दो तीन माह में चालू किया जा सकता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि लखनऊ में बढ़ रहे यातायात के दबाव के कारण जाम से लोगों को निजात दिलाने के लिए आउटर रिंग रोड की जरूरत काफी लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इसकी मंजूरी मिलने से लोगों को जाम से निजात मिलेगी। लखनऊ महायोजना-2031 के तहत बनाई जाने वाली आउटर रिंग रोड के निर्माण में करीब 5500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
इसके लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) और पीडब्लूडी को भी शामिल किया गया है। योजना के तहत एलडीए विकास क्षेत्र का हिस्सा बनाए गए नौ ब्लॉकों को कवर करेगा। पहले फेज में बीकेटी से अस्ती रोड, कुर्सी रोड, बेहटा, इंदिरा कैनाल, मोहनलालगंज होते हुए कानपुर रोड स्थित बनी तक निर्माण हो रहा है। वहीं, दूसरे फेज में कानपुर रोड स्थित बनी से मोहान, काकोरी होते हुए बीकेटी तक निर्माण हो रहा है। आउटर रिंग रोड की तैयारी से लखनऊ वासियों को जाम से मुक्ति के आसार हैं।
आउटर रिंग रोड काकोरी, बड़ा गांव, ग्वालपुर काकोरी, करीमाबाद, बिढ़ौना, पलिया, चिलौली, मुजफ्फरनगर, सैदपुर महरी, मोरा, चक दादनपुर, पहिया आजमपुर, मोहिउद्दिनपुर, अमेठिया सलीमपुर, सराय प्रेमराज, चकौली, बेहटा, मोदा, हरदोईया लाल नगर, जमालनगर, मलहा। माल- काकराबाद। चिनहट- अनौरा उतरधौना, नरेंदी, जुग्गौर, लोलाई, मेहोरा, देवरिया, सिंकदरपुर। पारा- खुशहाल नगर।
गोसाईंगंज- बक्कास, माढ़रमऊ खुर्द, माढ़रमऊ कला, सुनाई कंजेहरा, चक कंजेहरा, सिकंदरपुर अमोलिया, नूरपुर बेहटा, चौरहिया, मलूकपुर ढकवा, ढकवा, दुलारमऊ, दाऊद नगर। पीजीआई- सरथुआ, मोहिउद्दिनपुर, डलौना, बरौना कल्ली पश्चिम। मोहनलालगंज- पूरनपुर, हरकंशगढ़ी, कल्लीपूरब।
बंथरा- अशरफ नगर, अलीनगर खुर्द, माती, अहमदपुर उर्फ कमलापुर, तेरवा। कृष्णा नगर- अलीनगर सुनैहरा। गुडम्बा- कोड़ियामऊ, बेहटा। कुर्सी- लिखना, गंगौली, मदारपुर, हबीबपुर, अनवारी, बेहटा, धौरहरा। देवा- पलहरी, जबरीखुर्द, कीड़रमऊ, अलीपुर, शेरपुर, धौरमऊ, टिकरया, जमवासी, माती, मुजफ्फरपुर।
सरोजनी नगर- नटकुर, चंद्रावल, गौरी, मिरानपुर पिनवट, गहरू, पिपरसंड। बीकेटी- मामपुर बाना, चंदा कोडर, नगवा मऊकलां, अस्ती, दुर्जनपुर, राजपुर, मानपुर लाला, लालपुर, गुरवामऊ, शिवखर, शिवपुरी, फतेहपुर खमराई, रैथा, कठवारा, हरदौरपुर, बीकामऊ कलां, राजापुर इंदौरा, देवरई कलां, साढ़ामऊ। मड़ियांव- बोरोमऊ, दुग्गौर, धतिंगरा, पुरवा, पश्चिम गांव।
बता दें कि आउटर रिंग रोड में लखनऊ समेत बाराबंकी के देवां, नवाबगंज तहसील समीत 43 गांव शामिल होंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत दोनों जिलों से करीब 1500 एकड़भूमि का अधिग्रहम किया गया है। जिसके लिए एनएचएआई की प्लानिंगचल रही है। जमीन को अधिग्रहित करने से पहले किसानों की जरूरतों का सर्वे भी किया गया है।
आउटर रिंग रोड -लखनऊ के साथ-साथ आस-पास के क्षेत्रों को भी कवर कर रही है। ये रोड बक्शी का तालब से लेकर पूरे शहर को घेरते हुए कानपुर रोड तक जाएगी। इसमें न केवल एलडीए और आवास विकास बल्कि कानपुर रोड पर लीडा क्षेत्र के गांव भी शामिल होंगे। आउटर रिंग रोड़ की शुरूआत बख्शी का तालाब के आगे डिगोई गांव से होगी जहां से होते हुए ये कुर्सी रोड के पास, गांव बेहटा के साथ बाराबंकी के निंदूरा के गांवों को छूते हुए देवांक्षेत्र को जोड़ेगी।
इसी के साथ ये रोड़ गांव जबरीखुर्द, कटालीपुरवा, गोसाईंगपुरवा, सरसौंधी, मुरादाबाद, मुजफ्फरमऊ और डु़मरीपुरवा गांव को भी टच करेगी। इसके बाद आउटर रिंगरोड दोबारा लखनऊ सीमा में प्रवेश करेगी। इंदिरा कैनाल के पास गोयल हाइट्स अपार्टमेंट के पास से आउटर रिंग रोड निकलेगा। इसके आगे इंदिरा कैनाल के एक्वाडक्टको टच करेगी। सुल्तानपुर रोड पर एपीआई अंसल की हाइटेक टाउनशिप से गुजरेगी।
यहां गांव मधरमऊ कलां को रिंग रोड कटेगी। इसी एलाइनमेंट पर आगे बढ़ते हुए नगराम के गांव दाऊद नगर से आउटर रिंग रोड गुजरेगी। आगे रायबरेली रोड के गांव कल्ली पश्चिम के पास से रिंग रोड निकलेगी। यहां से कानपुर रोड पर लीडा क्षेत्र में अगला पड़ाव होगा। इसके आगे मोहान रोड का गांव फतेहगंज आउटर रिंग रोड का हिस्सा होगा। फिर हरदोई रोड का गांव अमेठी सलेमपुर इसहाईवे को छुएगा। आगे गोमती पार करते हुए हाईवे को गांव कंकड़ाबाद मिलेगा। इसके आगे फिर से ये सड़क सीधे बख्शी का तालाब से मिल कर एकपूरा रिंग बना लेगी। जिससे पूरी लखनऊ कवर किया जा सकेगा।
आउटर रिंग रोड बनने पर भारी गाड़ियां सीधे एक छोर से दूसरे छोर निकल सकेंगी। सिटी में उनका प्रवेश वर्जित रहेगा। लोगों को ट्रैफिक समस्या से काफी हद तक राहत मिल सकेगी। कानपुर रोड से आने वाली गाड़ियों को फैजाबाद रोड जाने के लिए शहर कि भीड़भाड़ नहीं गुज़रना पड़ेगा। साथ ही रिंग रोड के आसपास वाले गांव को रोज़गार का जरिया भी मिलेगा।
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2021 में प्रस्तावित 104.8 किलोमीटर लंबी रिंग रोड के बाद 2031 के मास्टर प्लान में एक नई रिंग रोड प्रस्तावित की गई है। यह आउटर रिंग रोड लगभग 150 मीटर चौड़ी यानि 8 लेन होगी। 2021 रिंग रोड से लंबी होगी। इस प्रस्ताव को एलडीए बोर्ड की अगली मीटिंग में मंजूरी मिल सकती है। 2031 में प्रस्तावित इस आउटर रिंग रोड का निर्माण राज्य सरकार करेगी।
केंद्र द्वारा 2021 में प्रस्तावित रिंग रोड के निर्माण ख़त्म होने के बाद इस नई रिंग रोड का काम शुरू होगा। बताते चलें कि 2021 रिंग रोड का प्रस्ताव तैयार हो चुका है। जमीन अधिग्रहण की तैयारियां चल रही है। अगले लोकसभा चुनाव से पहले इसे पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। नई आउटर रिंग रोड में लगभग 3 हज़ार 500 करोड़ रुपए ज़मीन की आवश्यकता पड़ेगी। रिंग रोड 8 लेन की होगी। रिंग रोड पर सुरक्षा के साथ हरियाली का भी ध्यान रखा जाएगा। 15-15 मीटर की दोनों तरफ ग्रीन बेल्ट होगी, इसमें पेड़ लगाए जाएंगे।