राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने उप्र के माननीय विधायकों को धमकी दिये जाने सम्बन्धी प्रकरण पर आश्चर्य व्यक्त करते हुये कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री द्वारा एक साल पहले से कानून का राज स्थापित करने का दावा खोखला प्रतीत हो रहा है। क्योंकि जिन जनप्रतिनिधियों के साथ सरकारी सुरक्षा उपलब्ध रहती है। उन्हीं को जान माल की धमकी के फलस्वरूप सुरक्षा के प्रति खतरा है। तो फिर प्रदेश की आम जनता के विषय में चिंताग्रस्त विचारधारा दृष्टिगोचर हो रही है। ऐसा लगता है कि प्रदेश में कानून ही बचा है व्यवस्था समाप्त हो गयी है।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार में पुलिस द्वारा निरंतर अपराधियों का एनकाउन्टर हो रहा है और प्रदेश के कोने कोने में पुलिसिया डर दिखाई पड़ने के बावजूद इस प्रकार के संदेश जनप्रतिनिधियों को मिलने से कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है। ऐसे समस्त प्रकरणों की जांच सीबीआई से करायी जानी चाहिए। क्योंकि जनप्रतिनिधियों के जीवन की सुरक्षा के साथ साथ आम जनता की जनभावना का भी सम्मान करना प्रदेश सरकार का दायित्व है। यूं भी प्रदेश सरकार किसानों, मजदूरों, मजलूमों और बेरोजगारों के सम्बन्ध में असफलता का प्रमाण पत्र जनता द्वारा ही ले चुकी है।
जनमानस में भय व्याप्त होना प्रदेश सरकार की असफलता में चार चांद लगायेगा। रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि सीबीआई जांच होने से दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। प्रदेश की जनता वास्तविकता भी जान सकेगी कि संदेश पाने वाले विधायक कहीं प्रचार प्रसार के भूखे तो नहीं हैं और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा द्वारा वोटो के ध्रुवीकरण का कोई नया प्लान तो नहीं तैयार हो रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग है कि जनभावना का ध्यान एवं उसकी सुरक्षा के महत्व का संज्ञान लेते हुये इस प्रकरण की सीबीआई जांच कराने की अनुशंसा करें।