वैसे तो केंद्र सरकार ने लोकसभा में एससी-एसटी अत्याचार निवारण संशोधन अधिनियम बिल  पेश कर दिया है मगर फिर भी दलित संगठनों ने 9 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है. दलित संगठनों की मांग है की एससी- एसटी एक्ट को    और सख्त बनाया जाये. इसके लिए भाजपा सरकार पर दबाव बनाने के लिए ही यह भारत बंद करना चाहते हैं. फ़िलहाल प्रशासन ने उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया है. रेलवे, हवाई अड्डे और प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये जायेंगे. एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार सभी जिले के पुलिस अफसरों को सभी सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा के इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं.

SC-ST एक्ट को सख्त बनाने की मांग:

एससी -एसटी अत्याचार निवारण एक्ट को और सख्त बनाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के इरादे से 9 अगस्त को दलित संगठनों ने भारत बंद बुलाया है. कई भाजपा नेता भी इस बंद का समर्थन कर रहे हैं. अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति संशोधन विधेयक 2018 लोकसभा में पारित होने का श्रेय मायावती बसपा कार्यकर्ताओं को देती हैं.

मालूम हो की इसी साल 2 अप्रैल को भी दलित संगठनों ने विरोध प्रदर्शन के लिए भारत बंद किया था. जिसके बाद केंद्र सरकार को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश करना पड़ा था. आल इंडिया अम्बेडकर महासभा बैनर के तले 9 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है.

एक्ट में बदलाव के साथ और भी कई मुद्दे उठाये हैं:

मुद्दों जैसे, दलितों   के खिलाफ बढ़ते अत्याचार, SC-ST एक्ट में बदलाव व उच्च शिक्षा संस्थानों में नियुक्ति के लिए दलित समाज फिर से आन्दोलन के लिए तैयार है. इसके अलावा दी संगठनों की ये भी मांग है की दलितों के खिलाफ आदेश देने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस गोयल की एनजीय के अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया जाये.

एडीजी ने कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए पुलिस अफसरों के साथ स्टेट इंटेलिजेंस व अन्य जांच एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया  है. 

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