पिछले मई महीने से करीब डेढ़ महीने की छुट्टियों के बाद सोमवार से स्कूल खुल गए हैं। छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने पर बच्चे भी खुशी से लबरेज हैं। वहीं स्कूलों ने भी बच्चों की पढ़ाई और पहले सप्ताह इंटरटेनमेंट के तमाम इंतजाम किए जाने का दावा किया है। सोमवार से खुल रहे स्कूल के लिए बच्चों ने रविवार को ही तैयारी कर ली। सुबह-सुबह भागा दौड़ी न करनी पड़े इसके लिए बच्चों ने टाइम टेबल के अनुसार बैग सेट कर लिया। अधिकांश स्कूलों की टाइमिंग एक हैं। निजी व मिशनरी स्कूलों ने नर्सरी से आठवीं क्लास तक का समय सुबह सात से 12 बजे है। वहीं 12 तक की क्लासेज का समय सुबह सात बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक है।
बंद होने वाले अमान्य स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पास के निकटतम मान्य स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए मान्य स्कूल के प्रधानाचार्यो को भी निर्देशित किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि जिला प्रशासन के निर्देशों के तहत कार्रवाई के दौरान यदि पुलिस बल की जरूरत पड़ी तो उसका सहारा भी लिया जाएगा।
जिनके बचे हैं वो अभी भी ले सकते हैं दाखिले
निजी स्कूलों में बड़ी कक्षाओं में सत्र के शुरुआत में ही सीटें भर चुकी हैं। इसके चलते स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया समाप्त हो चुकी हैं। हालांकि सेंट जोसफ, पायनियर मांटेसरी समेत अन्य स्कूलों में अभी दाखिले के अवसर हैं। एल्डिको स्थित पायनियर मांटेसरी स्कूल की प्रधानाचार्य शर्मिला सिंह ने बताया कि बच्चे लंबी छुट्टियों के बाद स्कूल आ रहे हैं। ऐसे में बच्चे भी मौज मस्ती के मूड में रहेंगे। इसलिए स्कूल में उनकी इंटरटेनमेंट के लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं। स्कूल में झूले, इनडोर गेम्स समेत तमाम व्यवस्थाएं रहेंगी। सीएमएस के प्रवक्ता ऋषि खन्ना ने बताया कि हर साल बच्चों के लिए विशेष किया जाता है। नई एक्टिविटीज के साथ इनोवेटिव भी किया जाएगा, जिससे बच्चों को बेहतर माहौल के साथ उनका होलिस्टिक डेवलपमेंट हो सके। सेंट जोसेफ के प्रबंधक अनिल अग्रवाल ने बताया कि बच्चों के इंटरटेनमेंट के लिए टीचर्स ने अलग-अलग प्लानिंग कर रखी है। इंडोर, आउटडोर गेम्स के साथ अन्य टॉपिक्स पर ज्ञानवर्धक विषयों प्रजेंटेशन दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग अमान्य स्कूलों के खिलाफ चलाएगा अभियान
बीएसए डॉ. अमरकांत सिंह ने बताया कि अमान्य स्कूलों पर कार्रवाई की कड़ी में सभी खंड शिक्षाधिकारियों के नेतृत्व में टीम गठित कर दी गई है। टीम में संकुल प्रभारी, एबीआरसी व हेड मास्टर्स को शामिल किया गया है। वहीं डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार का कहना है कि चूंकि पहले से ही अमान्य स्कूल बंद करने के निर्देश को सार्वजनिक किया जा चुका है। ऐसे में कार्रवाई के दौरान किसी अमान्य स्कूल की कोई दलील नहीं सुनी जाएगी।
स्कूलों को इतनी छूट भले दी जा सकती है कि किसी तरह की अर्थदंड की कार्रवाई से बचने के लिए वह स्वत: स्कूल बंद कर दें। अमान्य स्कूलों के खिलाफ शिक्षा विभाग सोमवार से अभियान चलाएगा। शिक्षाधिकारियों ने ब्लॉकवार अभियान चला अमान्य स्कूलों को बंद किए जाने का दावा किया है। जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि अभियान को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि अमान्य स्कूल संचालित मिलने पर स्कूल का भवन जिला प्रशासन की मदद से तत्काल प्रभाव से सील किया जाएगा। इसके अतिरिक्त दस हजार रुपये प्रतिदिन व एक लाख रुपये अर्थदंड के तौर पर लगाया जाएगा।