राजधानी लखनऊ के सिप्स सुपर स्पेसिलिटी हॉस्पिटल बर्न्स एंड ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों का बड़ा कारनामा प्रकाश में आया है। यहां बिजली करेंट से झुलसे लाइन मैन को लापरवाह डॉक्टरों ने 4 दिन आईसीयू में रखा और खूब रकम ऐंठी। इसके बाद डॉक्टरों ने लाइनमैन को मृत घोषित कर दिया। लेकिन परिजनों ने जब अन्य डॉक्टरों से घायल का परीक्षण कराया तो उसकी सांसे चल रही थी। परिजनों ने सिप्स के डॉक्टरों पर लापरवाही और धन उगाही का आरोप लगाया है। अब पीड़ित को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है यहां उसका इलाज चल रहा है।
शटडाउन के बावजूद पॉवर हॉउस से बहाल कर दी विद्युत् सप्लाई
जानकारी के मुताबिक, हरदोई जिला के संडीला कोतवाली क्षेत्र के तिलोईया गांव निवासी प्रमोद यादव संडीला पॉवर हॉउस पर लाइन मैन (संविदाकर्मी) के रूप में तैनात है। वह अभी अविवाहित है। प्रमोद के रिश्तेदार धर्मेंद्र यादव ने बताया कि पिछली 18 जुलाई को तिलोइया गांव में 63 KVA ट्रांसफार्मर (transformer) फुंक गया था। इसे सही करने के लिए प्रमोद गया था। पीड़ित के परिजनों के अनुसार उन्होंने पॉवर हॉउस से शटडाउन लिया था लेकिन जब प्रमोद ट्रांसफार्मर ठीक कर रहा था तभी विद्युत सप्लाई शुरू कर दी गई। इससे प्रमोद झुलस गया और नीचे आ गिरा।
सिप्स के डॉक्टरों पर धनउगाही का आरोप
प्रमोद को लोगों ने आनन-फानन में सीएचसी में भर्ती कराया यहां से डॉक्टरों ने लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। यहां हालत को गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने प्रमोद को सिप्स सुपर स्पेसिलिटी हॉस्पिटल बर्न्स एंड ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। परिजनों का आरोप है डॉक्टरों ने 4 दिन तक प्रमोद को आईसीयू में रखा लेकिन सोमवार को उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने सिप्स के डॉक्टरों पर धन उगाही का आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्होंने जब अन्य डॉक्टरों को बुलाकर दिखाया तो प्रमोद की सांसे चल रही थी। इसके बाद प्रमोद को सिविल अस्पताल में फिर से भर्ती कराया गया है। यहां प्रमोद का इलाज चल रहा है। फिलहाल डॉक्टरों के इस कारनामें ने डॉक्टरी पेशे को शर्मिंदा करके रख दिया है। इससे पहले कई बाद केजीएमयू के कई मरीजों को डॉक्टर मृत घोषित कर चुके हैं। लेकिन इन मरीजों का जब पोस्टमॉर्टम होने गया तो वहां ये जिंदा निकले।