उत्तर प्रदेश में इस बार यूपी बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन कराने के लिए योगी सरकार कड़े कदम उठा रही है. जिसके तहत प्रदेश के सभी विद्यालयों में सीसीटीवी लगाने का फरमान जारी किया गया है. परीक्षा में सुचिता बरकार रखने के लिए प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर प्रयास कर रही है. सीसीटीवी लगाने के साथ-साथ विद्यालयों के कक्ष में फर्नीचर व्यवस्था को भी सुदृढ़ गया जिससे कि परिक्षार्थियों को परीक्षा के दौरान किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े, लेकिन योगी सरकार का नकल पर नकेल कसने का असर ये हुआ है कि एक लाख 75 हज़ार छात्र-छात्राओं ने हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाएं छोड़ दी हैं.
विश्व की सबसे बड़े एजुकेशन बोर्ड उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल (10वीं) और इंटरमीडिएट (12वीं) की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो गई.
एक लाख 75 हज़ार छात्र-छात्राओं ने छोड़ी परीक्षा:
उत्तर प्रदेश में बोर्ड की परीक्षाएं जारी हैं और राज्य सरकार ने नकल पर नकेल कस रखा है जिसका असर ये हुआ है कि एक लाख 75 हज़ार के करीब छात्र-छात्राओं ने हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाएं छोड़ दी हैं. परीक्षा में सख्ती का ये आलम है कि छात्र त्राहि त्राहि कर रहे हैं. इस एक तथ्य से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि परीक्षओं में नकल पर नकेल लगाने को लेकर राज्य सरकार कितनी गंभीर है.
यही नहीं इस योगी सरकार के इस कड़े फैसले की वजह से पहले ही दिन 16 नकलची को धर दबोचा गया. इसके साथ ही इस कार्यवाही के सौरान कन्नौज में नकल करवाने के मामले में एक शिक्षक को ही धर दबोचा गया है.
परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे:
यूपी बोर्ड की परीक्षा नकलविहीन, पारदर्शी और निष्पक्ष रुप से कराये जाने को लेकर बोर्ड के अधिकारी तमाम दावे दे रहे हैं. बोर्ड की परीक्षा में नकल रोकने के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं. इसके लिए यूपी सरकार ने परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं साथ ही संबंधित जिले के अधिकारी और स्कूल के प्रिंसिपल को भी दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं.
केन्द्र व्यवस्थापकों को दिए गए निर्देश:
जिलाधिकारी द्वारा केन्द्र व्यवस्थापकों को निर्देशित किया गया है कि केंद्र पर जनरेटर, इनवर्टर आदि की व्यवस्था रखें ताकि सीसीटीवी बंद ना हो सके. परीक्षा केंद्रों पर लाइट, पानी, शौचालय की व्यवस्था को दुरस्त रखने को कहा गया है. केन्द्र व्यवस्थापकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि परीक्षा केंद्रों पर निरीक्षण के दौरान परीक्षार्थियों को भयभीत नहीं करना है. इसके अलावा परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक पूरी कोशिश करें कि नकल सामग्री केंद्र के अंदर न जाए.
परीक्षा में 67 लाख बच्चे हिस्सा ले रहे:
आपको बता दें कि इस बार की परीक्षा में कुल 67 लाख से ज्यादा छात्र हिस्सा ले रहे हैं. इस बार परीक्षार्थियों की संख्या पिछले साल की तुलना में ज्यादा बताई जा रही है. इस बार 10वीं की परीक्षा में 37,12,508 छात्र जबकि 12वीं की परीक्षा में 30,17,032 छात्र 8549 परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा दे रहे हैं.
बता दें कि हाईस्कूल की परीक्षा जहां 6 फरवरी से शुरू होकर 22 फरवरी तक चलेंगीं। वहीं इण्टर की परीक्षायें 6 फरवरी से 12 मार्च तक चलेंगीं। गौरतलब है कि पिछले साल 10वीं बोर्ड की परीक्षा में कुल 34,01,511 छात्रों ने जबकि 12वीं की परीक्षा में कुल 26,54,492 छात्रों ने हिस्सा लिया था..
कश्मीर से लेकर महाराष्ट्र तक देने आते हैं परीक्षा:
आपको बता दें कि यूपी में परीक्षा के दौरान नक़ल एक बड़ा व्यापार है. एक सर्वे के मुताबिक बताया जा रहा है कि, ये 10 हज़ार करोड़ रुपए का कारोबार है. यूपी बोर्ड की इस परीक्षा में कश्मीर से लेकर महाराष्ट्र तक के बच्चे परीक्षा देने के लिए आते हैं और इसीलिए फ़ार्म भराने से लेकर अच्छे नंबरों से पास कराने तक का यहाँ ठेका होता है.
नकल विहिन परीक्षा कराने में जुटा हाथरस:
आपको बता दें कि हाथरस जिला प्रशासन माध्यमिक शिक्षा परिषद् की हाईस्कूल तथा इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं को नकल विहीन रूप से संपन्न कराने की तैयारियों में जुटा हुआ है. इसके लिए परीक्षा केंद्र बने विद्यालयों के कक्षों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं साथ ही साथ सभी कक्षों में फर्नीचर व्यवस्थित कराया गया है.
यहां कुल 63 हजार 465 परीक्षार्थियों को परीक्षा देनी है. इनमें हाईस्कूल के 33 हजार 363 परीक्षार्थी शामिल होंगे. जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया है कि बोर्ड परीक्षा के दौरान इन पर सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी. इसके लिए सभी कैमरों को ऑनलाइन कराया जा रहा है ताकि आफिस में बैठकर परीक्षा पर नजर रहे और शिकायत मिलने तथा आवश्यकता पड़ने पर उस परीक्षा केंद्र की परीक्षा को देखा जा सके.
दुपट्टे उतरवाकर ली गई खुले में तलाशी:
बुधवार को यूपी के बलरामपुर जिला में छात्राओं के अभिभावकों ने बेटियों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए अपना गुस्सा जाहिर किया. आरोप है कि बलरामपुर बालिका इंटर कॉलेज में नकल विहीन परीक्षा के नाम पर छात्राओं का उत्पीड़न किया जा रहा है.
छात्राओं के दुपट्टे और स्टाल उतरवाकर खुले में तलाशी ली जा रही थी. इतना ही नहीं छात्राओं के रुमाल और मोजे तक उतरवाए गए इससे छात्राओं के अभिभावकों में रोष व्याप्त है. वहीं स्कूल प्रबंधन का कहना है कि ये आरोप गलत हैं, प्रशासन के निर्देश पर नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए सख्ती की जा रही है.
फ़ैजाबाद में दिखी घोर लापरवाही और अव्यवस्था:
आपको बता दें कि फैज़ाबाद जिला में एसडीएम पंकज कुमार ने जीजीआईसी रुदौली में परीक्षा कक्ष में बच्चों की कापी चेक किया. कक्ष निरीक्षकों के पास मोबाइल फोन मिले। एसडीएम ने मोबाईल सील कराते हुए चेतावनी देते हुए कहा कि दोबारा मोबाइल फोन मिला तो सीधे जेल होगी.
यहां इण्टर के परीक्षार्थी मोहम्मद इमरान का चेहरा मैच नहीं हुआ. एसडीएम ने पूरी जानकारी तलब की. उन्होंने केन्द्रध्यक्ष अल्का सोनी को हिदायत भी दी.
वहीँ सीओ डीके कुशवाहा ने कहा कि खुले में छात्राओं की चेकिंग ना करें. एसडीएम ने सत्यनामी विद्यापीठ शुक्लापुर का भी निरीक्षण किया. एक छात्र मोहम्मद मोबीन पर संदेह होने पर केंद्र के अध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी है. बताया जा रहा है कि जिले के 20% छात्रों ने परीक्षा छोड़ी है वह परीक्षा देने ही नहीं आए.
बताया जा रहा है कि परीक्षा में सख्ती के चलते परीक्षार्थी परीक्षा देने नहीं आये. करोरे इंटर कॉलेज सरियावां के केवल 3 बच्चों ने ही परीक्षा दी. इस विद्यालय में 18 छात्रों में केवल 3 छात्रों ने परीक्षा दी. जीजीआईसी इंटर कॉलेज में भी परीक्षा सकुशल हुई. बताया जा रहा है गणित विषय के प्रश्नपत्र के दिन प्रशासन सभी 132 केंद्रों पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट लगायेगा.