राजधानी लखनऊ के अमीनाबाद में एक महिला से दबंगों ने मामूली झगड़े के बाद मारपीट की। महिला का आरोप है कि दबंगों ने उसके साथ छेड़छाड़ कर उसके कपड़े भी फाड़ दिए। दिनदहाड़े हुई इस वारदात से इलाके की भीड़ ये जानने की कोशिश करने लगी कि आखिर हुआ क्या है। महिला ने जब शोर मचाया तो गुंडे धमकी देते हुए भाग गए। महिला ने इस सम्बन्ध में अमीनाबाद थाने में लिखित शिकायत की इसके आधार पर पुलिस ने मारपीट और छेड़छाड़ की धाराओं में नामजद FIR दर्ज कर तो कर ली लेकिन दो मुख्य आरोपियों का नाम एफआईआर से हटा दिया। आरोप है कि पीड़िता के खिलाफ ही पुलिस ने पैसे लेकर क्रास एफआईआर दर्ज कर ली।
मुख्य आरोपियों के एफआईआर से नाम हटाने का आरोप
जानकारी के मुताबिक, मामला अमीनाबाद थाना क्षेत्र का है। पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार, सीमा सोनकर (नाम काल्पनिक) ने बताया कि वह 162/140 अस्तबल चारबाग मौलवीगंज में रहती है। महिला ने बताया कि वह अपने भतीजे के साथ अमीनाबाद इस लिए आयी थी कि गुरुवार की रात सोभी सोनकर पुत्र बचानू (गुरु) सोनकर से लड़ाई हुई थी। इसलिए वह उनकी दुकान खुलवाने आई थी। इस दौरान अंकुश सोनकर, पांडु सोनकर, अंशू सोनकर, भय्यू सोनकर, मेराज सोनकर और शनि सोनकर ने उसके साथ मारपीट की। महिला का आरोप है कि इन लोगों ने उसके साथ छेड़छाड़कर उसके कपड़े भी फाड़ दिए।
सुलह करवाने के लिए क्रॉस एफआईआर दर्ज करने का आरोप
महिला ने किसी तरह अपनी इज्जत बचाई और शोर मचाया। शोर सुनकर स्थानीय लोग पहुंचे तब तक आरोपी भाग गए। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस मेराज सोनकर और शनि सोनकर को पकड़ कर थाने लाई और लॉकअप में बंद कर दिया। महिला का आरोप है कि पुलिस ने इन दोनों आरोपियों का नाम एफआईआर में दर्ज नहीं किया और पैसे लेकर शांति भंग में चालान कर दिया। पीड़िता का कहना है कि पुलिस ने आरोपी पक्ष की तरफ से तहरीर लेकर उसके खिलाफ भी क्रॉस मुकदमा इसलिए दर्ज कर दिया कि सुलह समझौता हो सके। हालांकि इस संबंध में थाना प्रभारी अमीनाबाद ने बताया कि महिला ने उन लोगों के नाम तहरीर में ही नहीं लिखे इसलिए उनके नाम नहीं दर्ज हुए। ये दुकान लगाने को लेकर हुए विवाद का मामला है।