लखनऊ का ट्रैफिक आजकल दम भरता इसलिए नज़र आ रहा है क्योकि मेट्रो बनने की ख़ुशी में जनता सड़कों पर आ गई है.बात व्यंग्यात्मक लग रही होगी पर असलियत यही हैं.सड़क पर दौड़ती गाड़ियाँ क्यों ज्यादातर रेंग रहीं हैं इसका जवाब प्रदेश की जनता से ही पूछा जाये तो बेहतर होगा.
- आलमबाग से चारबाग ,परिवर्तन से हजरतगंज,हजरतगंज से गोमती नगर को ट्रैफिक में श्रेष्ठ दर्जा दिया गया है.
- चाहे वो सुबह का स्कूल या ऑफिस टाइम हो या फिर शाम को लोगों के घुमने फिरने का वक़्त हो.
- लखनवी ट्रैफिक से लखनऊ की जनता तंग और बेहाल नज़र आ रही है.
ट्रैफिक ऑफिसर रहते है नदारद
- शाम के वक़्त ट्रैफिक ऑफिसर कई चौराहों से नदारद रहते हैं.
- वहां पर कोई भी ट्रैफिक ऑफिसर तैनात नज़र नहीं आता है.
- नखास को अमीनाबाद से जोड़ते चौराहे की दिनचर्या जैसे ट्रैफिक में समां गई है.
- नखास से राजाजीपुरम जाती सड़क भीषण जाम से अक्सर ग्रसित रहती है.
पुलिसवाले जेबें भरते और चाय का लुत्फ़ उठाते आते है नज़र
- शाम के वक़्त जब जनता घरों से बाहर निकलती है तो पुलिस वाले भी अपनी बोनी करने निकलते है.
- माना की प्रदेश में आतंकवाद का आतंक फैला हुआ है पर ये पुलिस वालों का आतंक कम ही नहीं हो रहा है.
- ज्यादातर पुलिसकर्मी शाम के वक़्त अपनी जेबें भरने की मंशा से खड़े होते है.
- चालान के नाम पर वसूलते हैं मनमाने पैसे.
जनता सड़कों पर भी दिखाती है नवाबी अंदाज़
- ओवेर्स्पीडिंग और बिना हेलमेट के गाड़ी चलाना तो लखनऊ वाले शान मानते हैं.
- आए दिन शराब पीकर गाड़ी चलाते नज़र आते हैं और अपने साथ साथ दूसरों की जान जोखिम में डालते है.
- ट्रैफिक जैम की ज़िम्मेदार कुछ हद तक जनता भी है
- जल्दबाजी में शोर्टकट लेकर गाड़ी चलाना तो हमारे युवा नवाबों के रग रग में दौड़ता है.
- जिसके कारण घंटों ट्रैफिक लगता है.
ट्रैफिक जाम में ज़रा सी गाड़ी टकरा देने पर अगर सामने वालों के मुह और आँखों से अल्ट्रावायलेट किरणें प्रज्ज्वलित होती नज़र आयें तो मुस्कुराएगा ज़रूर क्योकि आप लखनऊ में हैं
- देखते हैं आने वाले त्योहारों का मौसम सड़क पर कितना प्रदूषण फैलाता है
- सरकार और ट्रैफिक पुलिसकर्मी किसकी कमर कसते अपनी या जनता की.