हिन्दुओं के पवित्र पर्व नवरात्रि में आठवें दिन नवदुर्गा के (maa mahagauri pooja) महागौरी स्वरूप का पूजन किया जाता है। माता महागौरी राहु ग्रह पर अपना आधिपत्य रखती हैं। महागौरी शब्द का अर्थ है महान देवी गौरी। महागौरी का स्वरुप उस मरणासन्न प्राप्त वयोवृद्ध महिला या पुरुष का है जो कफ़न पहने है तथा अर्थी पर सवार हो मृत पड़ा है।
- महागौरी के तेज से संपूर्ण विश्व प्रकाशमय है।
- इनकी शक्ति अमोघ फलदायिनी है।
- दुर्गा सप्तशती के अनुसार देवी महागौरी के अंश से कौशिकी का जन्म हुआ जिसने शुंभ-निशुंभ का अंत किया।
- महागौरी ही महादेव की पत्नी शिवा व शांभवी हैं।
महागौरी की अराधना से दूर होते हैं सभी कष्ट
- महागौरी की साधना का संबंध छाया ग्रह राहू से है।
- कालपुरूष सिद्धांत के अनुसार कुंडली में राहु ग्रह का संबंध छठे व आठवें भाव से होता है।
- अतः देवी की साधना का संबंध शत्रुनाश, रोगनाश, दांपत्य, विवाहबाधा, गृहस्थी व आयु से है।
- वास्तुपुरुष सिद्धांत के अनुसार राहु प्रधान देवी की दिशा नैत्रिग्य है।
- निवास में बने वो स्थान जहां पर पितृ स्थान, टोइलेट, बाथरूम, कबाड़ घर इत्यादी हो।
- महागौरी की अराधना से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं।
- ये उन लोगों हेतु सर्वश्रेष्ठ है जिनकी आजीविका का संबंध शेयर मार्केट, क्लार्क, पुलिस व सिक्योरिटी सर्विसेज से है।
- देवी महागौरी की उपासना करने से मन पवित्र हो जाता है और भक्त की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- महागौरी पूजन से विवाह संबंधित हर समस्या का हल हो जाता है।
- देवी सीता ने श्रीराम को पति रूप में प्राप्त करने के लिए गौरी पूजन किया था।
श्वेत रंग के वृष पर सवार रहती हैं महागौरी
- पौराणिक मतानुसार कालांतर में देवी पार्वती तपस्या के कारण शायमल हो जाती हैं।
- ऐसे में महादेव उन्हे गंगा में स्नान करवाते हैं जिनसे देवी का वर्ण अत्यंत गौर हो जाता है।
- उनकी छटा चांदनी के सामन श्वेत हो जाती है ऐसे में महादेव देवी उमा को गौर वर्ण का वरदान देते हैं।
- सफ़ेद वस्त्र धारण किए (maa mahagauri pooja) हुए सदैव शुभंकरी देवी श्वेत रंग के वृष पर सवार रहती हैं।
- शास्त्रनुयार चतुर्भुजी देवी महागौरी की ऊपरी दाईं भुजा अभय मुद्रा में भक्तों को सुख प्रदान करती हैं।
- इनकी नीचे वाली दाईं भुजा में त्रिशूल सुशोभित है।
- इनकी ऊपरी बाईं भुजा में डमरू है जो सम्पूर्ण जगत का निर्वाहन करता है व नीचे वाली बाईं भुजा से देवी वरदान देती हैं।
माता महागौरी का मंत्र
- श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दघान्महादेवप्रमोददा।।
शारदीय नवरात्रि की मंदिरों में हो रही धूमधाम से पूजा
- शारदीय नवरात्री का पवन पर्व पिछले गुरुवार सुबह से पूरे देश में शुरू हो गया है।
- जगत जननी मां भगवती के गुणगान का पर्व मंदिरों में बड़े ही श्रद्धाभाव से किया जा रहा है।
- नौ दिन तक हर घर में मां के जयकारे सुनाई देंगे तो मंदिरों के पास मेले लगेंगे।
- बाजार भी नारियल, मां की चुनरी और पूजन सामग्री से सज गए हैं।
- वहीं सोशल मीडिया, whatsapp, facebook और twitter पर भी बधाइयों और शुभकामनाओं की होड़ लगी हुई है।
- इसके अलावा मंदिरों में पहुंचे श्रद्धालु भी अपने मोबाईल फोन में सेल्फी लेते नजर आये वो मां दुर्गा की पूजा के पल अपने कैमरों में कैद (maa mahagauri pooja) कर रहे हैं।
तस्वीरों में देखिये शारदीय नवरात्रि की मंदिरों में पूजा
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.