शुक्रवार 11 अगस्त को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने एक आदेश जारी किया, आदेश के मुताबिक, प्रदेश के सभी मदरसों(madarsa instructions) में स्वतंत्रता दिवस के दिन झंडारोहण, राष्ट्रगान समेत कई कार्यक्रमों को कराना अनिवार्य होगा, इसके साथ ही स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी समेत फोटोग्राफी के भी आदेश दिए गए हैं। सरकार की ओर से जारी इस आदेश के बाद सूबे के कई मौलानाओं और मुस्लिम धर्मगुरुओं की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रहे हैं।
ये आदेश जारी करने का क्या औचित्य(madarsa instructions):
- योगी सरकार की ओर से मदरसों में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के तहत झंडारोहण और राष्ट्रगान को अनिवार्य किया गया था।
- जिसके बाद सूबे के कई मौलानाओं और मुस्लिम धर्मगुरुओं की ओर से इस फैसले पर प्रतिक्रिया देखने को मिली।
- जिसके तहत सबसे पहले मौलाना खालिद रशीद फिरंगी ने इस फैसले पर सवाल उठाये।
- उन्होंने कहा कि, ये आदेश जारी करने का क्या औचित्य है,
- मदरसों में आजादी के बाद ही ऐसे कार्यक्रम होते हैं।
- गौरतलब है कि, मौलाना खालिद रशीद फिरंगी लखनऊ स्थित ऐशबाग ईदगाह के मौलाना हैं।
- उन्होंने आगे कहा कि, 1947 में आजादी के बाद से ही मदरसों में लगातार हर साल आजादी का जश्न मनाया जाता है।
- साथ ही उन्होंने बताया कि, सभी मदरसों में झंडा फहराने के बाद राष्ट्रगान का आयोजन किया जाता है।
- ऐसे में सरकार की ओर से ऐसे आदेश का क्या औचित्य है।
- रजिस्ट्रार को यह बताना होगा कि, वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी का आदेश सिर्फ मदरसों के लिए जारी हुआ है या सरकारी सकूलों के लिए भी।
कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं ने आदेश का किया स्वागत(madarsa instructions):
- सरकार के मदरसों में स्वतंत्रता कार्यक्रम को रिकॉर्ड करने के आदेश का कुछ लोगों द्वारा स्वागत भी किया गया है।
- जिनमें मुस्लिम धर्मगुरु नसीम अख्तर और मुस्लिम धर्मगुरु नदीम उल वाजदी शामिल हैं।
- धर्मगुरु नसीम अख्तर ने कहा कि, 15 अगस्त को होने वाले कार्यक्रमों की रिकॉर्डिंग से हमें कोई आपत्ति नहीं है।
- हम मदरसा शिक्षा परिषद के फैसले का स्वागत करते हैं।
- धर्मगुरु नदीम उल वाजदी ने कहा कि, आजादी के बाद से ही मदरसों में झंडा फहराया जाता है।
- साथ ही उन्होंने भी परिषद के फैसले का स्वागत किया।
- हालाँकि उन्होंने कहा कि, मदरसों के साथ सभी स्कूलों की वीडियोग्राफी होती है तो कोई आपत्ति वाली बात नहीं है।
सरकार मदरसों को शक की निगाह से देख रही है(madarsa instructions):
- मऊ के मदरसा प्रबंधक अरशद नेमानी ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है।
- जिसमें उन्होंने कहा कि, सरकार मदरसों को शक की निगाह से देख रही है।
- भाजपा सरकार राजनीति के चलते मदरसों पर शक कर रही है।
- उन्होंने आगे कहा कि, आजादी में सबसे ज्यादा मदरसों की भूमिका है।
- वीडियो और फोटोग्राफी करने के लिए सिर्फ मदरसों को क्यों निर्देश दिया गया।
- सभी शैक्षिक संस्थाओं को भी वीडियो-फोटो के निर्देश जारी करने चाहिए थे।
मदरसा परिषद का आदेश(madarsa instructions):
- उत्तर प्रदश मदरसा शिक्षा परिषद ने स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम की रूपरेखा बनायी है।
- इस आदेश के मुताबिक, स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम की शुरुआत झंडारोहण और राष्ट्रगान से शुरू की जाएगी।
- इसके साथ ही कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी।
- कार्यक्रम में मदरसे के छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय गीत भी प्रस्तुत करेंगे।
- विभाग की ओर से जारी आदेश में कार्यक्रम की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
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