उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिला में एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाएं धड़ाम होती नजर आयीं। यहां एक घायल को एम्बुलेंस नहीं मिली मजबूरन लोगों ने ठेले पर लादकर घायल को अस्पताल पहुँचाया। यहां डॉक्टरों ने घायल की गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया। यहां से उसका प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया। लेकिन रास्ते में ही घायल व्यक्ति की मौत हो गई। मौत के बाद मृतक के घर में कोहराम मचा हुआ है। इस सम्बंध में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. क्षमा शंकर पांडेय ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है, इसकी गम्भीरता से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डॉक्टर घायल को करते रहे रेफर
जानकारी के मुताबिक, मामला कोल्हुई थाना क्षेत्र के कोल्हुई कस्बे का है। यहां रविवार को गोरखपुर मार्ग पर हुई दुर्घटना में घायल तड़पता रहा। सूचना देने के बाद भी सरकारी एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। गंभीर रुप से घायल सूड़े उर्फ योगेंद्र के परिजनों ने किसी तरह ठेले पर लाद कर नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। जहां से गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिसकी हालत गंभीर होने के कारण प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उन्हें मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया। जिसकी रास्ते में ही मौत हो गई।
आखिर इस मौत का कौन है जिम्मेदार?
बता दें कि सूड़े उर्फ योगेंद्र कोल्हुई कस्बे में गोरखपुर मार्ग पर एक होटल में काम करता था। रोजाना की भांति वह काम कर लौट रहा था कि अचानक तेज रफ्तार से आ रही बाइक ने ठोकर मार दी। जिससे वह घायल होकर सड़क पर ही तड़पने लगा। राहगीरों ने 100 नंबर व एंबुलेंस पर फोन किया। 100 नंबर तो बाद में आई, अस्पताल भेजने की बात कहकर वह लोग निकल गए। लेकिन एम्बुलेंस काफी इंतजार के बाद भी जब नहीं पहुंची, तो लोगों ने घायल को ठेले पर लाद कर कस्बे में ही प्राथमिक उपचार कराया। चिकित्सकों की सलाह पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनकटी भेजा। जहां चिकित्सकों ने हालत गंभीर देख उसे जिला अस्पताल महराजगंज रेफर कर दिया। यहां से सुबह रेफर करने के बाद रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।