नीति आयोग ने हाल ही में देश के 100 कुपोषित जिलों की सूची(Malnutrition report) जारी की है, जिसमें उत्तर प्रदेश के कुल 29 जिलों को शामिल किया गया है। इसके साथ ही सूबे में कुपोषण को रोकने के लिए पूर्व सरकारों के दावों की भी पोल खुल गयी है। गौरतलब है कि, पूर्ववर्ती सरकारों ने कुपोषण के खात्मे के लिए सूबे में कई योजनायें चलायीं थीं, लेकिन नीति आयोग की रिपोर्ट कुपोषण की असली कहानी बयान कर रही है।
कुपोषण में बहराइच ने किया टॉप(Malnutrition report):
- नीति आयोग ने देश के 100 सबसे कुपोषित जिलों की सूची जारी की है।
- जिसमें उत्तर प्रदेश के कुल 29 जिलों को जगह दी गयी है।
- इसके साथ ही प्रदेश का बहराइच जिला राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में कुपोषण में पहले नंबर पर है।
- रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, बहराइच में कुपोषण से मरने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है।
- बहराइच के साथ ही श्रावस्ती,
- बलरामपुर,
- गोरखपुर,
- महाराजगंज,
- कुशीनगर,
- बस्ती,
- देवरिया,
- सीतापुर,
- लखीमपुर आदि जिले शामिल हैं।
प्रदेश में कुपोषण के कुछ आंकड़े(Malnutrition report):
- 10 में से 2 बच्चों का वजन जन्म के समय 2.5 किलो से कम,
- हर 10 में से 4 बच्चे कुपोषण का शिकार,
- 2 में से 1 लड़की खून की कमी का शिकार,
- तकरीबन 35 लाख बच्चे सूखा रोग से ग्रस्त,
- 93 लाख बच्चों की औसत लम्बाई कम,
- 45 फ़ीसदी 5 साल के बच्चे कम वजन के।