उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिला में भाजपा नेता और पूर्व एमएलसी प्रशांत चौधरी समेत 12 लोगों पर मारपीट और अपहरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोप है कि गढ़ की जिला पंचायत सदस्य के पति पर इन लोगों ने अगवा कर हमला किया और मारपीट की। जिसके बाद पीड़ित ने सीधे SSP से शिकायत की और मुकदमा दर्ज किया गया। BSP से एमएलसी रहे प्रशांत चौधरी ने विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ज्वाइन की थी। जिसके बाद वो भाजपा का झंडा बुलंद कर रहे हैं।
लेकिन जिस तरह से उन पर इतना संगीन आरोप लगाया है ,वह कई सवाल खड़े कर रहा है। हालांकि जवाब में प्रशांत चौधरी का भी हमने पक्ष जाना, तो उनका कहना है कि आरोप निराधार हैं। उन्होंने इसे लेन देन का विवाद बताते हुए कहा कि वो मीडियेटर की भूमिका निभा रहे थे। प्रशांत चौधरी की बात करें, तो उन्हें उत्तर प्रदेश के CM के अलावा बड़े-बड़े बीजेपी नेताओं के साथ देखा गया है। पार्टी में इस समय उनका अच्छा वजूद बताया जाता है।
आरोपियों में हापुड़ के जिला पंचायत अध्यक्ष का पति भी शामिल है। पुलिस मामले की जांच की बात कह रही है। FIR में कुल 12 लोगों के नाम हैं। जिनमें प्रशांत चौधरी के गनर भी शामिल है। पीड़ित सचिन के मुताबिक उसको मसूरी इलाके की उसकी दुकान से उठाकर प्रशांत चौधरी और उनके साथियों ने मारपीट की और धमकाया। यह सब राजनीतिक रंजिश के चलते किए जाने का आरोप है ।
आरोप यह भी है कि भाजपा नेता प्रशांत चौधरी के साथ हापुड़ की जिला पंचायत अध्यक्ष का पति का राजेन्द्र भी शामिल था। इसके अलावा प्रशांत चौधरी के सुरक्षा में लगे गनर भी मारपीट में शामिल थे। पीड़ित ने सीधे SSP को शिकायत दी। जिसके बाद मसूरी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। FIR की कॉपी हमारे पास है।जिसमें साफ तौर पर प्रशांत चौधरी और राजेंद्र के अलावा कुल 12 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। पीड़ित काफी डरा हुआ है पीड़ित का यह भी आरोप है कि उस को जातिसूचक शब्द भी कहे गए।
कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में जिला पंचायत की सीट आरक्षित होगी और प्रशांत चौधरी के अलावा राजेंद्र सिंह और उनके साथी नहीं चाहते कि इस बार जिला पंचायत सीट पर सचिन की पत्नी दावेदार बने। आरोप यह भी है कि प्रशांत चौधरी नहीं चाहते कि पीड़ित एक विशेष शख्स के साथ मिलकर चुनाव लड़े। इसीलिए यह हमला करवाने का शक है ।लेकिन पूरा मामला जांच के बाद ही साफ हो पाएगा।