राजधानी लखनऊ के इटौंजा थाना क्षेत्र में एक युवक को पहले बेरहमी से पीटा गया। इसके बाद उसे जंजीरों में जकड़कर देव स्थान पर पेड़ से बांधकर जंजीरों में ताला डाल दिया गया। युवक के परिजनों ने पिटाई और पेड़ से बांधने का गंभीर आरोप इटौंजा पुलिस पर लगाया है। पीड़ित का आरोप है कि मारपीट की सूचना पर पीड़ित शिकायत लेकर थाने गया था। यहां पुलिस ने उल्टा उनके बेटे को बेरहमी से पीटा और पागल बताकर पेड़ से जंजीरों में जकड़वा दिया। इस संबंध में थाना प्रभारी इटौंजा शिवशंकर सिंह ने बताया कि सारे आरोप निराधार हैं उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं है कि कहां का मामला है और न तो ऐसी कोई थाने पर सूचना आई है। फिलहाल मामला क्या है इसकी जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी।
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शिकायत लेकर थाने पहुंचा था पीड़ित
जानकारी के मुताबिक, थाना क्षेत्र के अहमदपुर खेड़ा ग्राम पंचायत के मजरा डेरावा में रहने वाले कल्लू का उनके पड़ोसी बराती लाल के साथ दीवार पर ईंट गारा गिर जाने को लेकर बुधवार शाम करीब 6:00 बजे विवाद हुआ था। इसके बाद दोनों पक्षों में लड़ाई हुई थी। कल्लू अपने 30 वर्षीय बेटे पिंटू के साथ रात करीब 11:00 बजे इटौंजा थाने पर पहुंचा। उसने पुलिस को सारी बात बताई। कल्लू का आरोप है कि इस दौरान कई पुलिसकर्मियों ने पिंटू को पकड़ लिया और बेरहमी से उसकी पिटाई कर दी। आरोप है कि रात में ही पुलिस ने उनके बेटे को पागल घोषित कर देवस्थान पर जंजीरों में जकड़कर आम के पेड़ में बंधवाकर ताला डाल दिया।
इलाके में अन्धविश्वास तेजी से फैला
ग्रामीणों का कहना है कि ताला डालने वाला औसान नाम का व्यक्ति है। वही जंजीरे लेकर आया था। ग्रामीणों का कहना है कि देवस्थान पर जो पागल होता है उसे जंजीरों से बांध दिया जाता है इसके बाद वह ठीक हो जाता है। शायद इसी वजह से पुलिस ने यहां पर बंधवाया हो, लेकिन पुलिस घटना से साफ इंकार कर रही है। हालांकि पूरे दिन युवक पेड़ से बंधा होने से तड़पता रहा और घर जाने की गुहार लगाता रहा लेकिन उसकी एक ना सुनी गई। इटौंजा पुलिस भी घटना से अंजान बनी बैठी है। अगर किसी पागल को पेड़ से बांधने से ठीक हो जाये तो विज्ञान बेकार ही है। हमें इस अन्धविश्वास से बाहर निकलना होगा।