वन महोत्सव पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद मेनका गांधी का आया बड़ा बयान

कहा-25 प्रतिशत से कम यदि जंगल हो तो चल नहीं सकता देश – मेनका गांधी

पर्यावरण संरक्षण चाहते हैं तो मांस खाना करें बंद, विदेशों में सप्लाई पर लगे बैन

सुलतानपुर । पूर्व केंद्रीय मंत्री व सुल्तानपुर सांसद मेनका गांधी शहर से सटे अमहट स्थित पुलिस ट्रेनिंग परिसर में वन महोत्सव में शामिल हुई । उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर बड़ा बयान दिया। मीडिया से बात करते हुए मेनका गांधी ने कहा कि मानसून देर से आने का एक ही कारण है। वो है मांस खाना और उसका निर्यात करना।

25 प्रतिशत से कम यदि जंगल हो तो चल नहीं सकता देश

उन्होंने कहा जब आप मांस खातें हैं या मांस का निर्यात करते हैं तो सारे भैस, बकरे गाय जंगल में घूमते है,वह सारे नए पौधों को खा जाते हैं। आंध्र प्रदेश के एक ही जंगल में चार लाख भैसे घूम रहीं हैं। अब वह कोई भी नया पौध जंगल में छोड़ नहीं रहे हैं। मेनका गांधी ने कहा कि 25 प्रतिशत से कम यदि देश में जंगल हो तो वह देश चल नहीं सकता। पानी सूख जाएगा, बरसात होगी नहीं। पूरा पर्यावरण सिस्टम खराब हो जाएगा। जंगल में पशु मांस के लिए छोड़े जा रहे हैं। हम केवल 30 फीसदी मांस खा रहे हैं। 70 फीसदी मांस का निर्यात कर रहे हैं।

जार्डन-इटली व श्रीलंका को भारत भेज रहा मांस

सांसद ने कहा कि भारत पूरी दुनिया को मांस खिला रहा है। जार्डन, इटली को भेज रहे हैं। मगर अपने जंगल को नष्ट कर रहे हैं। हम अपनी स्थित खराब कर रहे हैं। श्रीलंका ने संसद में आर्डर पास किया कि मांस के लिए जंगल नष्ट नहीं होने देंगे, सब हिन्दुस्तान से लेगें और हिन्दुस्तान में जो पेड़ो की स्थिति है, हम चिटिंग कर रहे हैं। सांसद ने कहा हरियाण में एक प्रतिशत, दिल्ली में एक प्रतिशत, यूपी में तीन प्रतिशत जंगल पर आसाम को जोड़कर हम तीस फीसदी का दावा करते हैं।

मध्य प्रदेश से यूरोप के जानवरों के लिए जा रहा सोयाबीन

सुलतानपुर में हम पेड़ लगाएंगे तो वह माइक्रो क्लाइमेंक्स दूसरों से अच्छा हो जाएगा। मेरा घर है जो दिल्ली में वह अकेला जंगल है, उससे दिल्ली में उसका मौसम सात डिग्री कम है। हमें एसी लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। बाकी दुनिया को छोड़ हम सुलतानपुर में 25 लाख पेड़ लगा दे और उसका देखभाल करें तो हालत बदल जाएंगे। मध्य प्रदेश में जंगल कटवाकर सोयाबीन लगवाया जा रहा है। वह सोयाबीन जाता है यूरोप जानवरों को खिलाने के लिए। ऐसे में जब तक मांस खाना और उसका निर्यात बंद नहीं होगा, देश के सारे जंगल वापस नहीं आएंगे, देश पर बड़ा संकट आएगा।

Report – Gyanendra

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