2019 के लोकसभा चुनावों की समाजवादी पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी है। इस बार के लोकसभा चुनावों में ख़ास है कि समाजवादी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करते हुए भाजपा को रोकने की रणनीति बनाई है। सपा और बसपा के इस गठबंधन से पार्टी में जहाँ कई लोग खुश हैं तो एक धड़ा ऐसा भी है जो बसपा के गठजोड़ का विरोध कर रहा हैं। हालाँकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को पार्टी में इस गठबंधन का विरोध करने वालों की कोई परवाह नहीं हैं। इस बीच गठबंधन से नाराज एक बड़े नेता ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
मनोज चौधरी ने दिया इस्तीफ़ा :
समाजवादी पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय दल का दामन थामने वाले मनोज चौधरी को रालोद का प्रदेश सचिव मनोनीत किया गया है। इसका ऐलान मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉक्टर मसूद अहमद ने किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह के निर्देश और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी की सहमति के बाद मनोज चौधरी को पार्टी का प्रदेश सचिव मनोनीत किया जा रहा है। वे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की विचारधारा और राष्ट्रीय लोकदल की नीतियों को लेकर आगे चलेंगे। लोकसभा चुनावों के पहले मनोज चौधरी का सपा से रालोद में जाना नए समीकरण बना सकता है।
मोदी सरकार पर बोला हमला :
संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश नहीं, पूरे देश में किसान इस सरकार से परेशान हैं। देश में किसानों की आबादी 70 फीसदी है। चार साल पहले धान के भाव चार हजार रूपए प्रति कुंतल थे लेकिन अब ये पंद्रह सौ के करीब है। चावल के दाम एक सौ बीस रूपए किलो हो गया है। उन्होने नोएडा में बन रहे डंपिग ग्राउंड का विरोध किया। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा सांप्रदायिकता का माहौल बनाकर जीतने में कामयाब रही थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पायेगा। उन्होंने कहा कि कैराना में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में मतदाताओं ने राष्ट्रीय लोकदल को सशक्त करने का संदेश दिया है।