उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में कोटेदार की दबंगई सामने आई है. कोटेदार की मनमानी के चलते कई परिवार भुखमरी की कगार पर आ गये हैं. योगी सरकार गरीबों के लिए कई योजनायें लाती है लेकिन अधिकारी और विभाग के ढुलमुल रवैये के चलते बेगुनाह भूख से मरने को मजबूर रहते हैं. वहीं प्रशासन सबकुछ जानते हुए भी अनजान बना हुआ है.
दबंग कोटेदार की मनमानी का शिकार हो रही गरीब जनता
मामला सीतापुर तहसील मिश्रिख के ग्राम बिहट गौड़ का है, जहां पर कोटेदार की दबंगई का देखने को मिल रही है. क्षेत्र में कोटेदार की मनमानी के चलते कई परिवार भुखमरी की कगार पर है,
बता दें कि एक गरीब व्यक्ति कोटेदार के यहां 3 साल पहले मजदूरी करने गया था, जहां उसको सांप ने काट लिया था.
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वहीं गरीब मजदूर के इलाज में कोटेदार का 1 हजार रुपये लग गया था. उस पैसे की भरपाई के लिए 3 साल से कोटेदार गरीब मजदूर को राशन नहीं दे रहा.
वहीं सरकारी राशन से अपना पेट पालने की आस में लगा गरीब जब कोटेदार से राशन मांगता है तो उसको पलट कर जवाब मिलता है कि जब तक मेरा पैसा नहीं वसूल होगा, तब तक नहीं मिलेगा राशन.
किसी को कम तो किसी को मिलता ही नहीं राशन:
इतना ही नहीं इसी गांव में एक परिवार ऐसा भी है जिसको कोटेदार सिर्फ मिट्टी का तेल ही दे रहा हैं. आज तक उसे राशन नहीं दिया गया.
कोटेदार की दबंगई और धोखाधड़ी की हद्द ये है कि गाँव के ही एक एक अन्य परिवार को 30 किलो राशन चढ़ाकर वह केवल 22 किलो ही देता है.
वहीं गरीब जनता मजदूरी करके अपने बच्चों का पेट पालती हैं या फिर मांग मांग कर खाने को मजबूर है.
सवाल:
ऐसे में कोटेदार की दबंगई साफ तौर पर नजर आती है. सवाल ये उठता है कि कोटेदार में क्या सरकार और प्रशासन का खौफ तक नहीं है?
आखिर योगी सरकार में ऐसे कोटेदारों व कर्मचारियों पर कब कार्यवाही होगी?
कब मिलेगा गरीब जनता को न्याय?