2019 का लोकसभा चुनावों विपक्षी दलों के साथ ही सत्ताधारी दल भाजपा के लिए चुनौती रहने वाला है। भाजपा के लिए 2019 में पिछली बार की तरह वापसी करना आसान नहीं होने वाला है। विपक्ष के एकजुट होने और दलितों में भाजपा के खिलाफ बढ़ रहे आक्रोश को देखते हुए पार्टी नेतृत्व ने बड़ा फैसला किया है। इस बार के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश के बागी और उम्रदराज सांसदों के टिकट काटे जायेंगे और उनकी जगह पर प्रदेश सरकार में शामिल कई मंत्री और विधायक चुनाव लड़ेंगे। इस सूची में कई बड़े नेताओं का नाम सामने आ रहा है जिसके बाद नयी चर्चाएँ शुरू हो गयी हैं।

कई सांसदों के काटेंगे टिकट :

2019 में सत्ता में वापसी के लिए भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। यही कारण है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने खुद मोर्चा संभाल लिया है और उत्तर प्रदेश में दौरों का सिलसिला शुरू कर दिया है। इस लोकसभा चुनाव में असफल रहने वाले कई सांसदों के टिकट कटना तय बताया जा रहा है। उनकी जगह पर योगी सरकार के कई मंत्रियों को चुनाव लड़ाए जाने की बातें हो रही है। सूत्रों से खबर है कि भाजपा इस बार के लोकसभा चुनावों में यूपी के करीब 35 सांसदों के टिकट काटेगी। इनमें कानपुर से वर्तमान सांसद मुरली मनोहर जोशी समेत देवरिया सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र का नाम शामिल है। वहीँ कई सांसदों के टिकट उनके क्षेत्र में निष्क्रियता को देखते हुए काटे जा सकते हैं।

 

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ये मंत्री लड़ सकते हैं चुनाव :

सूत्रों के हवाले से खबर है कि भाजपा इस बार लोकसभा चुनावों में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या को उतारने की सोच रही है। इसके साथ ही यूपी सरकार में सहयोगी दल भासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को रोकने के लिए मंत्री अनिल राजभर को भी चुनाव लड़ाया जा सकता है। इसके अलावा कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक, मुकुट बिहारी वर्मा, रीता बहुगुणा जोशी, रमापति शास्त्री, सिद्धार्थनाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा, दारा सिंह चौहान और स्वतंत्र देव सिंह के लोकसभा चुनाव में उतरने की चर्चाएँ हैं।

 

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