गुरुवार 27 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर के पंजगाम में एक आर्मी कैंप पर हमला हुआ था, जिसमें भारतीय सेना के एक कैप्टन समेत 3 सैनिक शहीद हो गए थे। गौरतलब है कि, कुपवाड़ा में फिदायीन हमला किया गया था, जिसमें सेना ने 2 आतंकियों को मार गिराया था।
शहीद कैप्टन आयुष यादव के घर पर पसरा मातम:
- गुरुवार की सुबह तड़के हुए फिदायीन हमले में कैप्टन आयुष यादव शहीद हो गए थे।
- कैप्टन आयुष के साथ एक जूनियर कमांडिंग ऑफिसर (जेसीओ) और एक जवान भी शहीद हो गए थे।
- कुपवाड़ा सेक्टर के आतंकी हमले कैप्टन आयुष यादव के साथ,
- सूबेदार भूप सिंह, नायक वेंकट रमन भी शहीद हुए थे।
- कैप्टन आयुष यादव उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के चकेरी के रहने वाले थे।
- आतंकी हमले में कैप्टन आयुष यादव के शहीद होने की खबर लेकर सेना के अधिकारी उनके घर पहुंचे।
- जिसके बाद शहीद कैप्टन के चकेरी स्थित घर में मातम का माहौल छा गया।
- शहीद कैप्टन आयुष यादव चकेरी स्थित डिफेन्स कॉलोनी में रहते थे।
यूपी का एक और लाल शहीद:
- बीते कुछ सालों में भारतीय सेना पर आतंकी हमलों की वारदातों में बहुत वृद्धि हुई है।
- वहीँ सीमा पर लगातार पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ और सीज फायर उल्लंघन की वारदातें होती रहती हैं।
- वहीँ कानपुर के शहीद कैप्टन आयुष के घर पर उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
- सेना के कर्नल दुष्यंत सिंह शहीद आयुष यादव के घर पर सूचना लेकर पहुंचे थे।
- शहीद आयुष के पिता यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर हैं और इस समय उनकी तैनाती चित्रकूट में हैं।
- कैप्टन आयुष यादव अपने माता-पिता के एकलौते लड़के थे, इसके अलावा उनकी एक बहन भी हैं।
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सरकार से पूछा, कब तक ऐसे मरवाते रहोगे?
- शहीद कैप्टन आयुष यादव के पिता ने बताया कि, बुधवार की शाम को ही उन्होंने अपने बेटे से बात की थी।
- उन्होंने आगे बताया कि, कैप्टन आयुष यादव ने उन्हें कश्मीर घूमने के लिए बुलाया था।
- वहीँ शहीद सैनिक के पिता ने रोते हुए केंद्र सरकार से सवाल पूछा।
- उन्होंने कहा कि, आखिरी कब तक ऐसे ही सैनिकों को मरवाते रहोगे, मैंने तो अपना बेटा खो दिया है।