रामवृक्ष यादव 15 मार्च 2014 में करीब 200 लोगों के साथ मथुरा आया था और इसने प्रशासन से यहां रहने के लिए दो दिन की इजाजत ली थी। लेकिन दो दिन बाद भी वो यहां से हटा नहीं। शुरुआत में वो यहां एक छोटी सी झोपड़ी बना कर रहता था, धीरे-धीरे यहां पर और झोपड़ियां बनीं, इसके बाद उसने 280 एकड़ जमीन पर कब्ज़ा जमा लिया। वहीं हैरान करने वाली बात ये है कि प्रशासन को पिछले दो साल में उनकी करतूतों की भनक तक न लगी। वह इतना ताकतवर हो गया कि उसे प्रशासन खौफ भी नहीं था।
लम्बी है मुकदमों की लिस्ट:
बता दें कि मथुरा में 2014 से लेकर 2016 तक इस पर 10 से ज्यादा मुकदमें दर्ज हो चुके हैं। मथुरा हिंसा का मास्टरमाइंड और यूपी के गाजीपुर का रहने वाला रामवृक्ष पहले जयगुरुदेव का शिष्य हुआ करता था। रामवृक्ष यादव ने अपने साथियों के साथ 2 साल पहले अपने ही गुरु के आश्रम पर हमला किया था। ये सत्याग्रह के नाम पर मथुरा आया और धरने के नाम पर अवैध कब्जा करना शुरू कर दिया। उस पर हत्या की कोशिश और अवैध कब्जे के 8 मुकदमों सहित कुल 12 मामले दर्ज हैं। बलवा मारपीट और धमकाने के 4 मामले दर्ज हैं जबकि 15 लोगों पर जानलेवा हमले करने का भी मामला दर्ज है। घटना के बाद रामवृक्ष फरार बताया जा रहा है। गिरफ्तार होने की स्थिति में उसपर रासुका लगाया जाएगा।
मारा गया रामवृक्ष यादव!
डीजीपी अहमद ने कहा कि जवाहर बाग से भारी मात्रा में असलहे बरामद किये गये हैं और हालात पर काबू करने की कोशिश की जा रही है। इस दौरान डीजीपी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर रामवृक्ष यादव जिंदा होगा तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा। डीजीपी की बातों पर गौर करें तो ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पुलिस ने रामवृक्ष यादव को मार गिराया है, और फिलहाल पुलिस उसके खुलासे से बचना चाहती है।
uttarpradesh.org के सूत्रों ने सबसे पहले रामवृक्ष के मारे जाने की ले खबर दी!
आजाद भारत विधिक वैचारिक सत्याग्रही संस्था की मांगें भी कम हैरान करने वाली नहीं हैं।
- एक रुपये में 60 लीटर डीजल और एक रुपये में ही 40 लीटर पेट्रोल की बिक्री शुरू की जाए।
- सुभाष चन्द्र बोस के अनुयायी इस संस्था की मांग है कि इसलिए उन्हें सेनानी का दर्जा दिया जाए।
- प्रणव मुखर्जी और नरेन्द्र मोदी को गैर भारतीय घोषित किया जाए।
- भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव रद्द किया जाए।
- उनको पेंशन के साथ ही जवाहर बाग में स्थायी निवास दिया जाए।
- आजाद हिंद फौज करेंसी को चलन में लाया जाये।
वीडियोः देखिये मथुरा हिंसा की सच्चाई, कैसे शहीद हुए पुलिसकर्मी!
सत्याग्रहियों ने एक दिन में जो सत्यानाश किया वो पुलिस के लिए हजम करना भारी पड़ रहा है। इस हिंसक घटना में नुकसान को झेलने के बाद जब पुलिस ने अड्डे को कब्जे में किया तो वहां से हथियारों का बहुत बड़ा जखीरा बरामद हुआ।
वहीं राज्य सरकार ने भी इस मामले में उच्च स्तरीय जाँच की बात की है। यूपी बीजेपी ने इस हिंसा की सीबीआई जाँच कराने की मांग की है।
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