अलीगढ़ के बीजेपी सांसद सतीश गौतम के AMU प्रशासन को जिन्ना की तस्वीर हटाने को लेकर दिए पत्र पर शुरू हुई राजनीति के बाद अब धर्म नगरी मथुरा में भी पत्र की राजनीति शुरू हो गयी है। मथुरा के हिन्दू वादी लोगों ने जिलाधिकारी मथुरा को गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में बनी मजारो को हटाने की मांग की है।
जिन्ना विवाद के बाद एक और धार्मिक विवाद:
पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की अलीगढ़ विश्वविद्यालय में लगी तस्वीर का मामला अभी शांत भी नही हुआ है कि धर्म की नगरी मथुरा में ऐसा ही एक मामला बनता दिखाई दे रहा है.
ऐसा ही एक मामला मथुरा में होता नजर आ रहा है. जिन्ना की तश्वीर हटाने की मांग के बाद अब श्री कृष्ण की नगरी मथुरा में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में लगी मजारों को लेकर अब नई राजनीति शुरू हो गयी है।
हिन्दूवादियों ने जिलाधिकारी को दिया मजारों को हटाने की मांग वाला पत्र:
मथुरा के काशीविद्वत्परिषद् पश्चिमी भारत ,कार्ष्णि नागेन्द्र की अध्यक्षता में सनातन धर्म रक्षा मंच ने जिलाधिकारी को एक पत्र दिया है। इस पत्र में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में बनी मजारो को हटाने की मांग की है।
इस तरह से मामले को तूल देकर हिन्दू-मुस्लिम दंगो को भड़काने की राजनीति को अंजाम दिया जाना कही से भी सही नही.
माना जिन्ना भारत पाकिस्तान के विभाजन के सूत्रधार है पर मथुरा में मजारों को इस तरह से हटाने की मांग भारतीय मुस्लिमों और हिन्दुओं के बीच संघर्ष और बढ़ावा देगी.
सांसद सतीश गौतम के पत्र के बाद शुरू हुआ था जिन्ना विवाद:
बता दें कि AMU में जिन्ना विवाद भाजपा सांसद सतीश गौतम के एक पत्र के बाद शुरू हुआ था, जिसमे उन्होंने कॉलेज प्रशासन से जिन्ना की तस्वीर लगाये जाए के पीछे का कारण पूछते हुए उसे हटाने की मांग की थी. जिसके बाद हिन्दू वाहिनी और अन्य दलों ने विश्वविद्यालय पहुँच कर हंगामा किया था. AMU के छात्रों ने इसका विरोध किया. विद्यालय परिसर के गेट पर छात्रों पर पुलिस ने लाठी-चार्ज किया. जिसके बाद से इस मामले में राजनीति गरमाती जा रही है. पक्ष और विपक्ष में जहाँ एक ओर बयानबाजी हो रही है, वहीँ दूसरी ओर AMU के छात्र प्रदर्शन पर बैठ गये थे.
जिन्ना भारत विभाजन का प्रतीक: कलराज मिश्र
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