मथुराः यूपी सरकार जनता को स्वास्थ्य सुविधा कराने के लाख वादे करें लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. जिला अस्पताल में संवेदनहीनता की तस्वीरें दिखी. घायल पिता को गोदी में उठाकर इलाज को मजबूर बेटा भटकता रहा. बेटा 2 दिनों से घर से लोडिंग रिक्शा से इलाज के लिए पिता को अस्पताल ला रहा है। पीडित को ना मिला स्ट्रेचर और ना मिली एंबुलेंस. मथुरा जिला अस्पताल प्रशासन स्वास्थ्य सेवाओं को पलीता लगा रहा है.
संवेदनहीन हो गया अस्पताल प्रशासन
मथुरा के जिला अस्पताल में संवेदनहीनता की तस्वीरें कैमरे में कैद हुई. 2 दिन पूर्व एक युवक के छत से गिरकर पैरों में काफी चोट आई. जिसकी वजह से वह चल फिर नहीं सकता था. 2 दिन से उसका बेटा उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले कर आ रहा है . ना तो उसे सही से स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही है . और ना ही जिला अस्पताल के बाहर से घायल पिता को डॉक्टर तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर सुविधा.
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गोदी में उठाकर बेटा डॉक्टर के दरवाजे तक पिता को ले कर गया. जिसके बाद डॉक्टर को दिखाने के बाद उसे लोडिंग रिक्शा में वह अपने घर वापस ले गया. इन तस्वीरों को देखकर साफ लग रहा है की जिला अस्पताल का प्रशासन यूपी सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को पलीता लगाने में लगा हुआ है. और योगी सरकार की छवि को धूमिल करने का पूरा प्रयास कर रहा है.
CMS ने मांगी माफी
पूरे मामले पर CMS डॉ बीके गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया हमारे यहां एंबुलेंस की सुविधा लखनऊ से ऑपरेट होती है. अगर उसने उसको कॉल किया होगा तो उसके पास पहुंचती होगी. लेकिन स्ट्रेचर ना मिलने की बात को मैंने संज्ञान में लिया है और मैं आप लोगों से माफी मांगता हूं. और जिन लोगों की वजह से यह हुआ है. उनके खिलाफ जांच कर कार्यवाही करूंगा.