[nextpage title=”Maulana Chaturvedi” ]
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा, जिसने मौलाना चतुर्वेदी का नाम न सुन रखा हो। हालांकि उनका पूरा नाम मौलाना महफूज़ उर रहमान शाहीन जमाली है, लेकिन लोग उन्हें मौलाना चतुर्वेदी के नाम से ही जानते हैं। मौलाना चतुर्वेदी पिछले तीस सालों से मेरठ सदर बाज़ार में स्थित मदरसे में मौलाना हैं। पहली बार जो भी उनका नाम सुनता है, चौंक जाता है। अगर आप भी उनका नाम सुनकर शायद आप भी चौंक गए हैं, तो काम जानकार आप उनको सलाम करेंगे।
अगले पेज पर पढ़िए कौन हैं मौलाना चतुर्वेदी:
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- यूपी के मेरठ में रहने वाले मौलाना महफूज़ उर रहमान शाहीन जमाली पूरे क्षेत्र में मौलाना चतुर्वेदी के नाम से मशहूर हैं।
- मौलाना शाहीन जमाली ने कुरान का अध्ययन करने के साथ ही हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ भी पढ़े हैं।
- दारुल उलूम देवबंद पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और संस्कृत में एम.ए. किया।
- जिसके बाद से उन्हें मौलाना चतुर्वेदी के नाम से जाना जाने लगा।
- मौलाना चतुर्वेदी पिछले कई सालों से लोगों को आपसी सौहार्द और भाई-चारे का सन्देश दे रहे हैं।
- मौलाना चतुर्वेदी मदरसे में पढ़ने आने वाले बच्चों को कुरान की आयतों की तालीम देने के साथ-साथ संस्कृत और वेदों के श्लोक भी पढ़ाते हैं।
- उन्होंने धार्मिक एवं सामाजिक विषयों पर दर्जन भर से ज्यादा पुस्तकें भी लिखीं हैं।
- आज उन्हें पूरे क्षेत्र में हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
- अपने इस काम के बारे में उनका कहना है कि लोगों के बीच दूरी, ज्यादा ताकत की इच्छा से बढ़ती है। लेकिन मानवता के रिश्ते में कोई भेदभाव नहीं है। इसलिए वेदों में मानवता के बारे में कही गईं बातों का हवाला देकर, मैं लोगों को एक दूसरे के करीब लाने की कोशिश करता हूं।
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