बिना मौरंग के घर निर्माण की कल्पना भी नही की जा सकती. गौरतलब हो कि प्रदेश भर में मौरंग की बिक्री अब तक घन फुट में की जा रही थी. लेकिन GST लागू हों एके बाद अब मौरंग कारोबार में नए युग का शुभारम्भ हुआ है. जिसके बाद अब मौरंग की बिक्री घन फुट में न हो कर किलो के हिसाब से होगी.
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जीएसटी लगा कर 2.20 पैसे किलो बिकेगा मौरंग-
- 1 जुलाई से देश भर में GST लागू कर दिया गया है.
- इस दौरान खनन पर रोक के चलते मौरंग और बालू का रेट आसमान छु रहा था.
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- ऐसे में यूपी के कानपुर में मौरंग कारोबार ने नए एक युग शुरू है.
- जिसमे मौरंग बिक्री के रारिके में बदलाव आया है.
- बता दें कि प्रदेश भर में मौरंग की बिक्री अब तक घन फुट में न हो रही थी.
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- लेकिन ये बिक्री किलो के हिसाब से की जाएगी.
- जिसमे GST लगा कर 2.20 पैसे किलो के हिसाब से लोगों को मौरंग उपलब्ध होंगी.
यूपी में पहली बार राजस्थान से मंगाई जा रही मौरंग-
- कानपुर में अब मौरंग जीएसटी लगा कर 2.20 पैसे किलो के हिसाब से उपलब्ध होंगी.
- जिसमें जीएसटी भी लगा होगा.
- कानपुर के कोपर गंज इलाके के कारोबारी नवीन दरौलिया ने राजस्थान से 57 बैगन की एक ट्रेन मौरंग आयात की है.
- जो बीती रात पनकी रेलवे यार्ड पहुच गई.
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- राजस्थान से आई मौरंग का रंग पीला है जो बेतवा नदी से निकलती है.
- जबकि यूपी में चंबल नदी से निकलने वाली मौरंग लाल रंग की होती है.
- मौरंग का खनन बंद होने से सीमेंट की बिक्री 20 फीसदी रह गई थी.
- सिटी में बन रहे तमाम बड़े और छोटे प्रोजेक्ट की रफ्तार थम चुकी थीं.
- मौरंग की कमी को देखते हुए सीमेंट कारोबारी नवीन ने मौरंग को राजस्थान से मंगवाने की शुरुआत की है.
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- एक रेक में 57 बैगन होता है प्रत्येक बैगन में लगभग 65 टन मौरंग आती है.
- कानपुर में प्रतिदिन मौरंग की खपत 8 हजार टन है.
- पहले मौरंग फुट के हिसाब से मिलती थी और नाप में कम से कम 10 फीसदी काम होती थी।
- बारिश के चलते इस समय यूपी में खनन वैसे भी पूरी तरह बंद है.
खनन से रोक हटने के बावजूद प्रदेश सरकार ने नहीं कि पहल-
- हाइकोर्ट द्वारा राज्य सरकार से खनन पर लगी रोक हटाने के आदेश के वावजूद भी राज्य सरकार ने कोई भी पहल नही की है.
- यूपी के इतिहास में कानपुर में पहली बार राजस्थान से ट्रेन से मौरंग मांगा कर जरूरत मंदो को उपलब्ध कराई जाएगी.
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- मौरंग कारोबारियों का मानना है है अब ग्राहकों को उनकी कीमत का पूरा और सही माल किलो हिसाब से मिलेगा.
- वही प्रशासनिक अधिकारी व्यापारियों की इस पहल को सराह रहे है.
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Mohammad Zahid
मैं @uttarpradesh.org का पत्रकार हूँ। तथ्यों को लिखने से मुझे कोई रोक नहीं सकता।नवाबों के शहर लखनऊ का हूँ इसलिए बुलंद आवाज़ भी उठाता हूँ तो बड़े एहतराम से....