बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव कल लखनऊ में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। दोनों कल दोपहर करीब 12 बजे लोकसभा चुनाव 2019 के लिए गठबंधन का औपचारिक ऐलान कर सकते हैं। चर्चा है कि आज लखनऊ में मायावती और अखिलेश यादव मुलाकात भी कर सकते हैं। इस मुलाकात में गठबंधन और सीटों पर चर्चाओं की संभावना जताई जा रही है। यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं।
बसपा सुप्रीमों मायावती के लखनऊ पहुंचते ही राजनैतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। शनिवार को दोनों पार्टियों के मुखिया संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस भी करेंगे। इस दौरान आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन का एलान भी होगा।
इससे पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि हो सकता है इसका एलान मायावती अपने जन्मदिन यानि 15 जनवरी को करें। लेकिन अब इन कयासों पर विराम लग चुका है। बसपा सुप्रीमो मायावती बृहस्पतिवार को लखनऊ पहुंची। उन्होंने 20 जनवरी को बसपा के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। इसमें वह चुनावी रणनीति का खुलासा करेंगी।
22 जनवरी को वह भाईचारा कमेटी की बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर दिशा-निर्देश देंगी। पहले यह बैठक 10 जनवरी को प्रस्तावित थी। इनमें बसपा के सभी प्रमुख नेता शामिल होंगे।
बसपा सुप्रीमो मायावती गुरुवार की शाम लखनऊ पहुंचीं। वह पूरी तरह से चुनावी मूड में दिखाईं दे रही हैं। आने के तुरंत बाद भाईचारा कमेटी की बैठक ली। उन्होंने कहा कि लोकसभा पर चुनाव की तैयारियों में अभी से जुट जाएं। इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात की। बताया जा रहा है कि वह सिर्फ चार दिनों तक लखनऊ में रहेंगी और 15 को जन्मदिन मनाने के बाद अपराह्न दिल्ली चली जाएंगी।
जानकारी के अनुसार आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सपा और बसपा में गठबंधन को लेकर सहमति बन गई है। मायावती और अखिलेश के बीच दिल्ली में हुई लंबी बैठक में सीटों के बंटवारे को लेकर भी लगभग आम राय बन गई है। उनके बीच एक और बैठक होगी। इसके बाद तय हो जाएगा कि कौन का दल, किस सीट पर चुनाव लड़ेगा।
पहले यह संभावना जताई जा रही थी कि मायावती लोकसभा सीटों का फाइनल बंटवारा हो जाने तक गठबंधन की विधिवत घोषणा नहीं करना चाहती हैं। लेकिन कल होने वाले प्रेस कांफ्रेंस से उत्तर प्रदेश की राजनीति में नए दौर की शुरुआत जरुर होगी।
रालोद और लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर सीट जीतने वाले निषाद पार्टी के सांसद भी उनसे मिल सकते हैं। इन चर्चाओं के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि गठबंधन में सहयोगियों को कितने सीटें मिलेंगी। कोई बड़ा व्यवधान अगर नहीं होता है तो मायावती 15 जनवरी को अखिलेश के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा कर सकती हैं।
यूपी में लोकसभा की 80 सीटें है। सपा बसपा के साथ आने से अब भाजपा के लिए 2014 में किये गए प्रदर्शन को दोहराना अधिक चुनौतीपूर्ण होगा। 2014 में यूपी में एनडीए गठबंधन ने 73 सीटें जीती थी।
कल प्रेस कांफ्रेंस में सीटों के बंटवारे की भी घोषणा हो सकती है। अभी कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों पार्टियां 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। रायबरेली और अमेठी के सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी जा सकती है। जबकि रालोद को तीन सीटे दी जा सकती हैं।
सपा-बसपा यूपी में करीब 24 साल बाद एक बार फिर से करीब होते हुए दिखाई दे रहे हैं। सपा-बसपा गठबंधन 2 जून 1995 में टूटा था। इसके बाद दोनों दल एक साथ नहीं आए। यूपी में अब दोनों दल एक होते हुए दिखाई दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक जन्मदिन समारोह में सहयोगी दलों के शीर्ष नेताओं को शामिल करने पर भी विचार हो रहा है।
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