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वाराणसी पुल हादसा: मायावती ने भाजपा पर साधा निशाना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चलते ट्रैफिक के दौरान निर्माणाधीन बड़े पुल का एक बड़ा हिस्सा गिर जाने से कल 18 लोगों की मौत तथा अन्य 30 से अधिक लोगों की मौत पर गहरा दुःख व आक्रोश व्यक्त करते हुये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद मायावती ने कहा कि अत्यन्त ही गम्भीर व आपराधिक लापरवाही के इस मामले को सरकार को हल्केपन से नहीं लेना चाहिये।

इस घटना की तुरन्त ही उच्च-स्तरीय जाँच कराकर दोषियों को कड़ी-से-कड़ी सज़ा देने व दिलाना भी सुनिश्चित करना चाहिये। ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाओं को दोबारा होने से रोका जा सके। घोर आपराधिक लापरवाही आदि के ऐसे संगीन मामलों में बीजेपी के शीर्ष नेताओं द्वारा सस्ती मानसिकता दिखाकर केवल ‘मन पर बोझ’ बता देने से जिम्मेदारी से मुक्ति पा लेने का प्रयास सही नहीं है। बल्कि इसके लिये कुछ ठोस सुधारात्मक कार्रवाई व उपाय भी करने की सख़्त जरूरत है।

मायावती ने कहा कि अक्सर यही देखा गया है कि सरकार पीडि़त परिवारों व घायलों आदि को अनुग्रह राशि आदि देकर अपने आपको जिम्मेदारी से मुक्त समझ लेती है। जबकि इसके साथ-साथ सरकार का असली कर्तव्य है कि वह दोषियों की पहचान करके सजा सुनिश्चित करे ताकि घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो।

ऐसा नहीं होने के कारण ही प्रदेश में एक-के-बाद-एक लगातार गम्भीर आपराधिक घटनायें होती चली जा रही हैं। वास्तव में यही बुरा व गै़र-जिम्मेदारी का हाल अपराध नियन्त्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में भी प्रदेश बीजेपी सरकार का बना हुआ है। जिस कारण प्रदेश में जमीनी स्तर पर हर तरफ हिंसा, अराजकता व जंगलराज जैसे माहौल है। केवल बीजेपी के मंत्री व इनके नेताओं के बयानों में ही लोगों को हसीन सपने दिखाये जाने के प्रयास किये जाते हैं।

मायावती ने कहा कि अपराध नियन्त्रण व कानून-व्यवस्था के साथ- साथ खासकर दलितों व पिछड़ों के विरुद्ध जातिगत द्वेष, हिंसा व अन्याय-अत्याचार के मामले भी उत्तर प्रदेश में रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि ऐसे मामलो में अपराधियों को खुलेआम पुलिस व सरकारी संरक्षण मिलने के कारण स्थिति अत्यन्त ही गम्भीर बनती जा रही है।

इसी क्रम में कल गोरखपुर में घटी घटनाओं का संज्ञान लेते हुये उन्होंने कहा कि प्रदेश बीजेपी सरकार अपनी निष्पक्षता को त्यागकर दलितों के खिलाफ इन्साफ का गला घोंट कर अपराधियों का साथ देने से मामला काफी तूल पकड़ गया। ना केवल अन्याय-अत्याचार बल्कि दलित हत्या के मामले में भी बीजेपी सरकार का ऐसा जातिगत घिनौना रवैया इनकी दलित व पिछड़ा वर्ग-विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को पूरी तरह से बेनकाब करता है।

यह साबित करता है कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अनुयाइयों के प्रति इनका असली व्यवहार कितना ज्यादा अमानवीय व नाइन्साफी का अभी तक बना हुआ है। इस प्रकार इनके वोट की खातिर दलितों के घर खाना खाने आदि की नाटकबाजी इनका केवल राजनीतिक स्वार्थ के अलावा कुछ भी नहीं हैं। इनकी मानसिकता सदियों की तरह आज भी काफी ज़हरीली बनी हुई है जो अति-निन्दनीय है। इसके साथ ही बी.एस.पी. प्रमुख ने गोरखपुर की घटना के सम्बन्ध में, दोषियों को कड़ी सजा देने की भी सरकार से माँग की है।

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