उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जहां समाजवादी पार्टी की चुनावी तैयारियों पर पारिवारिक फूट ने ब्रेक लगा दिया है और भाजपा अपना सीएम उम्मीदवार नहीं तय कर पा रही है। वहीं, चार बार यूपी की मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती की बहुजन समाज पार्टी अन्य दलों से कहीं आगे चल रहीं हैं। बीएसपी इकलौती ऐसी पार्टी है जिसने यूपी कि सभी सीटों पर उम्मीदवार तय कर दिये हैं। उम्मीदवारी तय होने के बाद बसपा नेता भी प्रचार में जुट गए हैं। वहीं मायावती लखनऊ स्थित कांशीराम स्मारक में लाखों लोगों को बुला कर अपनी ताकत का एहसास करा चुकी हैं। बसपा सुप्रीमों के लिए ये चुनाव अग्नि परीक्षा जैसे हैं।

  • समाजवादी पार्टी के घमासान पर मायावती ने कहा कि यह सत्ता का संघर्ष है।
  • मायावती ने कहा कि ये तो वर्चस्व की लड़ाई है, एक ना एक दिन तो होनी ही थी।
  • सपा की जो लड़ाई अब तक पर्दे के पीछे थी, अब सड़कों पर दिखाई दे रही है।
  • सपा में चल रही खींचतान को बाप-बेटे का झगड़ा बताते हुए कहा कि दोनों का स्वभाव एक जैसा है।
  • मायावती ने कहा कि मेट्रो रेल योजना तो हमने बनायी थी।
  • बसपा ने ही मेट्रो के बजट से लेकर रूट तक सब तय किया था।
  • उन्होंने कहा कि आगरा एक्सप्रेस वे ही बसपा सरकार की दी देन है।

जल्द लॉन्च करेंगे एक किताबः

  • बसपा प्रमुख से सवाक किया गया कि 20 प्रतिशत मुस्लिम वोटर इस बार किसके पाले में हैं?
  • तो उन्होंने साफ कहा कि मुस्लिम समाज में किसी तरह का भ्रम नहीं है।
  • उन्हें पता कि सपा को वोट देने पर वोट बेकार हो जाएगा, इसलिए वो बसपा को ही अपना वोट देंगे।
  • सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं सोशल मीडिया पर नहीं हूं तो क्या हुआ।
  • मुझे पूरी जानकारी है, बेखबर तो नहीं हूं।
  • मायावती ने बताया कि हम दस पंद्रह दिनों में एक किताब जारी करने जा रहें हैं।
  • इसमें हम बताएंगे कि हमने मुसलमानों के लिए क्या किया है।
  • बसपा सरकार में हमने एक भी दंगा नहीं होने दिया।
  • सपा-भाजपा में मिलीभगत है, मुस्लिम समाज अब उनका यह खेल समझ चुका है।
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