त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी के जीत के बाद अराजकतत्वों ने लेनिन की मूर्ति तोड़ दी थी। जिसके बाद सियासी माहौल गर्म हो गया था। वहीं दूसरी तरफ कोलकता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति तोड़ने के बाद उनके मुँह पर कालिख पोत दी। वहां पर कुछ लोगों ने एक पोस्टर लिखकर छोड़ा है, जिसमें बांग्ला भाषा में लिखा गया है कि यह लेनिन की मूर्ति तोड़ने का बदला है. वहीँ अब बसपा सुप्रीमों मायावती ने देश भर में मूर्ति तोड़ने की घटनाओं की कड़ी निंदा और आलोचना की है.
कहा- यह सब गलत और घृणित कृत्य
आपको बता दें कि देश भर में लेनिन की मूर्ति तोड़ने के बाद से ही सियासी माहौल तेजी से गर्माता चला जा रहा है. इसी कर्म में एक के बाद एक मूर्ति तोड़ने की घटनाएं सामें आती चली जा रही हैं.
वहीँ अब मूर्ति तोड़ने की घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए बसपा सुप्रीमों मायावती ने कहा कि यह सब गलत और घृणित कृत्य अपने देश के लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक सद्भाव को कमजोर कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इसकी चपेट में उत्तर प्रदेश भी आ गया है. मेरठ में डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा कुछ जातिवादी और असामाजिक तत्वों ने तोड़ दी है.
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आगे उन्होंने कहा कि वह ऐसे तत्वों के विरुद्ध प्रदेश की सरकार से सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग करती है.यूपी सहित पूरे देश में दलितों एवं अन्य पिछड़े वर्गों से जुड़े महान संतों, महापुरुषों की प्रतिमाओं को सुरक्षित रखने के लिए केंद्र और राज्यों की सरकारें विशेष ध्यान दें. जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, उनकी सुरक्षा में सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएं.
बसपा सुप्रीमों मायावती ने कहा कि ऐसे तत्वों के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा केवल हवा हवाई बयानबाजी से काम नहीं चलेगा. अगर कार्रवाई नहीं होती है तो स्पष्ट हो जाएगा कि देश में बीजेपी व आरएसएस के षड्यंत्र के तहत ही ये घृणित कार्य करवाया जा रहा है.
आपको बता दें कि मायावती ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कहा कि सरकारें केवल खोखली बातें न करें. महिलाओं के सम्मान, तरक्की व सुरक्षा को हर स्तर पर मजबूत करें.