उत्तर प्रदेश लोकसभा उपचुनावों में बसपा प्रमुख मायावती ने भले ही सपा को 2 सीटों पर जीत दिलवाने में मदद की हो लेकिन मायावती ने इस बात का साफ़ संकेत दे दिया है कि उनकी पार्टी आगामी 2019 के आम चुनावों में सपा के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर सख्त समझौता करेगी। इसके अलावा ज्यादा सीटों को घेरने के लिए बसपा सुप्रीमों मायावती 2019 के लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने लोकसभा सीट की तलाश शुरू कर दी है। इस बीच मायावती के चुनाव लड़ने वाली सीट को लेकर सियासी गलियारों में कई खबरें चल रही हैं।
कई सीटों को लेकर हैं चर्चाएँ :
केंद्र की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर जाता है। 2019 में भाजपा को रोकने के लिए मायावती और अखिलेश यादव जैसे यूपी के दो बड़े नेता एक साथ आने की उम्मीद है। सवाल ये भी उठता है कि अखिलेश के साथ गठबंधन में मायावती खुद किस सीट से चुनाव लड़ेंगी। 2004 में मायावती अकबरपुर सीट से लोकसभा चुनाव जीती थीं। बसपा का यह पुराना गढ़ है लेकिन यह सीट समान्य हो गई। ऐसे में वे अपने गृह जिले गौतम बुद्ध नगर से चुनाव मैदान में उअत्र सकती हैं।
2004 में लड़ा था लोकसभा चुनाव :
बसपा अध्यक्ष मायावती ने पिछला लोकसभा चुनाव 2004 में अकबरपुर सीट से लड़ा था। उसके बाद से उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा है। वह अभी तक राज्यसभा और विधानपरिषद के रास्ते सदन तक पहुंचीं हैं। इस बार अकबरपुर भी सामान्य सीट हो गई है तो डेढ़ दशक बाद इस तरह की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। इस बारे में बसपा नेता जोगिंदर अवाना का कहना है कि यह फैसला तो खुद बहन मायावती ही लेंगी।
राजनीति में चर्चा चल रही है तो उसका वे कुछ नहीं कर सकते। अगर गठबंधन के तहत मायावती चुनाव लड़ती है तो निश्चित तौर पर बसपा को जमीनी स्तर पर काफी फायदा होगा। इसके अलावा सपा-बसपा गठबंधन के तहत अखिलेश यादव भी मायावती के लिए प्रचार करते नजर सकते हैं।
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