हाल में हुए उत्तर प्रदेश लोकसभा उपचुनावों में बसपा प्रमुख मायावती ने भले ही सपा को 2 सीटों पर जीत दिलवाने में मदद की हो लेकिन मायावती ने इस बात का साफ़ संकेत दे दिया है कि उनकी पार्टी आगामी 2019 के आम चुनावों में सपा के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर सख्त समझौता करेगी। इसके अलावा ज्यादा सीटों को घेरने के लिए बसपा सुप्रीमों मायावती 2019 के लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने लोकसभा सीट की तलाश शुरू कर दी है। इस बीच मायावती के चुनाव लड़ने वाली सीट को लेकर सियासी गलियारों में कई खबरें चल रही हैं।
माया ने खुद को बताया सीनियर :
बसपा सुप्रीमों मायावती ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा था कि वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से ज्यादा अनुभवी और सीनियर है। अपने इस बयान से उन्होंने साफ़ कर दिया कि सपा के 2017 विधानसभा चुनाव और 2014 लोक सभा चुनावों में बीएसपी से बेहतर प्रदर्शन करने के बाद भी टिकटों का सही बंटवारा होना आसान नही होगा। उपचुनावों से पहले भी उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी सपा के साथ गठबंधन तब करेगी जब उन्हें सम्मानित सीट दी जाएँगी। मायावती ये बातें तब कह रही हैं जब उन्हें 2014 के लोकसभा चुनावों में 1 भी सीट हासिल नहीं हो पायी थी। पिछले चुनाव में सपा को 5 सीटें मिली थी जो अब बढ़कर 7 हो चुकी हैं। वहीँ बसपा अभी तक 0 पर अटकी है।
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अम्बेडकरनगर से लड़ सकती हैं चुनाव :
बसपा सुप्रीमों मायावती 1998, 1999 और 2004 में लोकसभा की सदस्य चुनी जा चुकी हैं। इसके बाद से वे दिल्ली सिर्फ राज्यसभा के जरिये जा रही हैं। मायावती खुद भी चुनाव मैदान में उतर कर अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों में नया जोश भर देना चाहती हैं। बसपा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सपा-बसपा गठबंधन में सीटों का बंटवारा होने के बाद अम्बेडकर नगर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। मायावती के करीबी भी चाहते हैं कि वे लोकसभा चुनाव में उतर कर पार्टी का नेतृत्व करें। मायावती से चुनाव में उतरने से उनकी पार्टी को भी अलग ताकत मिलेगी।