सोशल मीडिया में राजनैतिक दलों की बढ़ती दिलचस्पी से एक बात तो साफ हो गई है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सोशल मीडिया का रोल अहम होने वाला है। बसपा सुप्रीमों ने सोशल मीडिया पर धमाकेदार एंट्री की है। मायावती की यह एंट्री इतनी धमाकेदार रही, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल बहुत पीछे छूट गए।
- बसपा की सहारनपुर रैली से पहले #MayawatiNextUPCM ट्विटर पर टॉप ट्रेंड हुआ।
- यह हैशटैग इण्डिया में तो नंबर वन बना ही, और विश्व में 6वें स्थान पर आ गया।
- मायावती की धमक इतनी जोरदार रही कि राहुल और केजरीवाल कहीं पीछे छूट गए।
- ट्विटर पर मायावती को टॉप ट्रेड होता देख सपा समर्थकों ने भी ट्रेंड शुरू किया।
- लेकिन हाथी की ताकत के आगे साईकिल चकनाचूर हो गई।
#PraveenKumar मायावती के #MayawatiNextUPCM के आसपास भी नहीं पहुंच सका।- इसके साथ ही पार्टी ने मायावती की रैली का यू-ट्यूब पर लाइव प्रसारण किया।
- बसपा प्रमुख की रैली समाप्त होने के बाद भी #MayawatiNextUPCM कई घण्टों तक ट्रेड करता रहा।
- लाखों की संख्या में लोग सोशल मीडिया पर मायावती के समर्थन में कूद पड़ें।
- ट्विटर पर बसपा समर्थकों के उत्साह से साफ है कि बसपा की ताकत को नजरअंदाज करना मुश्किल है।
उत्तर प्रदेश में हर तरफ अराजकता और जंगलराज- बसपा सुप्रीमो
बसपा ने फीकी की सबकी चमकः
- सपा, भाजपा और कांग्रेस पहले से ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं।
- अब कहा जा रहा है कि चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी भी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहेगी।
- अब तक तो बसपा प्रमुख सोशल मीडिया के प्रभाव को नकारती रहीं है।
- परंपरा के मुताबिक मायावती पारंपरिक मीडिया पर भी बहुत अधिक ध्यान नहीं देती हैं।
- पार्टी की और से प्रचार के लिए विज्ञापनों का ही इस्तेमाल किया जाता रहा है।
- मायावती के साथ ही पार्टी के नेता भी पारंपरिक या सोशल मीडिया से दूर रहते हैं।
- किसी बड़े मसले पर या तो मायावती खुद प्रेस कांफ्रेस करती हैं या पार्टी की और से बयान जारी होता है।
- सोशल मीडिया में युवाओं की रूचि को देखते हुए पार्टी अपने सख्त नियमों में कुछ ढील दे सकती है।
- बसपा के नेता मानते हैं कि बड़ी तादाद में युवाओं के पास मोबाइल फोन है और वे सोशल मीडिया में सक्रिय हैं।
- वहीं, सभी विपक्षी पार्टियों ने सोशल मीडिया पर अपनी मजबूत पकड़ बना रखी है।