आगामी लोक सभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश की कुल 80 सीटों में 76 सीटों (38-38 सीट) पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (सपा-बसपा) चुनाव लड़ेगी। अमेठी और रायबरेली की दो सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी गई है। 2 सीटों पर सहमति बन रही है। ये बात शनिवार को गोमती नगर के होटल ताज में आयोजित सपा बसपा की साझा प्रेसकांफ्रेंस में निकल कर आई। अखिलेश यादव की मौजूदगी में बसपा सुप्रीमो मायावती ने शिवपाल सिंह यादव पर भी हमला किया। उन्होंने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि शिवपाल और अन्य लोगों की जो पार्टियां हैं, उनके पीछे बीजेपी का हाथ है।
मायावती ने कहा कि बीजेपी चाहती है कि लोकसभा चुनाव में वोट बंटे। मायावती ने कहा कि वह सपा और बसपा नेताओं से आग्रह करना चाहती हैं कि जो पार्टी शिवपाल और अन्य चला रहे हैं, उसके पीछे बीजेपी पानी की तरह पैसा बहा रही है। उन्होंने कहा कि ये सारा पैसा बर्बाद जाएगा। उन्होंने कहा कि अपरोक्ष रूप से बीजेपी इन पार्टियों को चला रही है, ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव में वोटों का बंटवारा हो सके। मायावती ने कहा कि वह लोगों से भी आग्रह करना चाहती हैं कि वे इस तरह की फर्जी पार्टियों से के जाल में न फंसे। इनका सिर्फ एक ही लक्ष्य है वोट बांटना और बीजेपी की सहायता करना। मायावती ने कहा कि शिवपाल की पार्टी (प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया) को भाजपा चला रही है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]यूपी की 76 सीटों पर चुनाव लड़ेगी सपा-बसपा, दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ी- मायावती[/penci_blockquote]
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी एक हुई है। सपा-बसपा का गठबंधन प्रमुख माना जा रहा है। इन दो पार्टियों के गठबंधन की बात पता चलते ही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के लिए चुनौती साबित होने लगी है। सपा और बसपा की संयुक्त प्रेसवार्ता शुक्रवार को लखनऊ के होटल ताज में आयोजित की गई। इस प्रेसवार्ता से पहले ही शहर अखिलेश और मायावती के पोस्टरों से पटा पड़ा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास के सामने गोल्फ पार्क में लगे अखिलेश-मायावती की प्रेस कांफ्रेंस के पोस्टर प्रशासन ने फाड़ के फेंकवा दिए। आगामी लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों को लेकर सभी पार्टियां जी तोड़ मेहनत करने में जुटी हुई हैं। ये सपा-बसपा का गठबंधन काफी अहम माना जा रहा है।
संयुक्त प्रेसवार्ता से पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी और बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने होटल ताज पहुंचकर जायजा लिया। माया और अखिलेश के मंच को बहुत ही बढ़िया तरीके से सजाया गया था। जिस स्थान पर सपा-बसपा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बैठे थे उसके पीछे दोनों की बड़ी बड़ी तस्वीरें भी पोस्टर में लगाई गईं थीं। वहीं होटल के बाहर सड़क और चौराहों पर लगे बैनर पोस्टरों में एक नारा ‘बसपा व सपा आयी है, नई क्रांति लाई है लिखा है। पोस्टर से मुलायम सिंह यादव की तस्वीर गायब है। बता दें कि सपा-बसपा का वर्ष 1993 में ‘मिले मुलायम काशीराम, हवा में उड़ गए जयश्री राम’ नारा था। वहीं एक और पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें हाथी की सूंड है जबकि दोनों कान की जगह साईकिल के दो पहिये दिखाए गए हैं।
अखिलेश यादव होटल ताज पहले पहुंचे। उन्होंने मायावती का बुके देकर मुस्कुराते हुए मायावती का स्वागत किया। अखिलेश यादव और मायावती दोपहर 12:00 बजे मंच पर पहुंचे। मायावती ने प्रेस को संबोधित करना शुरू किया। उन्होंने कहा कि आज बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के दोनों राष्ट्रीय अध्यक्ष मौजूद हैं।नरेंद्र मोदी और अमित शाह जो कि गुरू और चेले हैं उनकी नींद उड़ाने के लिए आज प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है। आज की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले भी 1993 में लोहिया जी अंबेडकर जी ने विधानसभा में गठबंधन किया था। देश के हित में गेस्ट कांड को भुलाकर आज चुनाव में गठबंधन का फैसला लिया है। बीजेपी के तानाशाही और अहंकारी स्वभाव से देश दुखी है। खासकर उत्तर प्रदेश में एकजुट होने की अच्छी खासी जरूरत है। आज का गठबंधन 2019 के लिए एक नया रास्ता दिखाएगी। ऐसे में समाजवादी पार्टी और बीएसपी के गठबंधन से समाज में बहुत सी उम्मीदें जाग गई हैं। आप लोग जानना चाहते हैं कि कांग्रेस को हमने गठबंधन में क्यों नहीं लिया गया। कांग्रेस ने देश पर एक छत्र राज किया है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]केंद्र और प्रदेश में भाजपा ने बेईमानी से सरकार बनाई- मायावती [/penci_blockquote]
2 जून 1995 में घटित हुए लखनऊ गेस्टहाउस कांड के लिए ऊपर रखते हुए एक बार फिर हमने इस देश में लगभग देश के माहौल को देखते हुए गठबंधन का फैसला लिया है। मायावती ने कहा कि भाजपा की सांप्रदायिक, जातिवादी, नीची मानसिकता की राजनीति से देश की सवा सौ करोड़ जनता चुनावी वादा खिलाफी करने से दुखी है। भाजपा की केंद्र की और राज्यों की सरकारों के तानाशाही रवैये से जनता काफी दुखी है। माया ने कहा कि लोकसभा के आने वाले शीघ्र चुनाव के लिए दोनों पार्टियों ने गठबंधन का फैसला लिया है। मायावती ने कहा कि सपा-बसपा के गठबंधन से देश की उम्मीदें जाग गई हैं। गरीब, महिलाओं, दलितों, शोषितों, पिछड़ों, युवाओं, बेरोजगारों के लिए भी ये गठबंधन क्रांति लाएगा। इसके साथ ही लोक सभा और राज्य में अपनी बेईमानी से सरकार बनाई है। प्रदेश और देश की जनता की नाराजगी को देखते हुए हमने गठबंधन किया है। इन चुनावों में कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई। अगर गठबंधन सही हुआ तो केंद्र में बीजेपी को रोका जा सकता है। मायावती ने कहा कि हमारा गठबंधन जरूर भाजपा की जीत रोक देगा अगर भाजपा ने पिछले चुनावों के लिए ईवीएम में कोई घपला नहीं किया।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]भाजपा की अहंकारी नीतियों के कारण जनता दुखी[/penci_blockquote]
मायावती ने कहा कि गठबंधन की पृष्ठभूमि यह है कि हमारे परम पूज्य बाबा भीमराव अंबेडकर ने जो दलितों के लिए सफर तय किया। उन्होंने जो प्रयास किए उससे दबे कुचले लोगों को मान-सम्मान से जीवन यापन करने का मिशनरी लक्ष्य को जमीनी हकीकत में बदला और लोहिया जी के बताए हुए रास्तों पर चल रही सपा पहले भी 1993 में माननीय कांशीराम और मुलायम सिंह यादव दोनों के संयुक्त नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था। उत्तर प्रदेश जैसे देश के सबसे बड़े राज्य में हवा का रुख बदलते हुए सांप्रदायिक पार्टी को हटाने के लिए 1995 में घटे गेस्ट हाउस कांड के बाद टूट गया था। लेकिन हमने एक बार फिर संप्रदायिक ताकतों को हटाने के लिए फिर से गठबंधन करने का फैसला लिया है। जैसे उस समय 1990 के आसपास बीजेपी की घोर जातिवादी सांप्रदायिक, संकीर्ण, उन्माद एवं हिंसा आदि के जहरीले विचारों के कारण आम जनता बुरी तरीके से त्राहि त्राहि कर रही। ठीक उसी प्रकार से आज भी देश की लगभग सवा सौ करोड़ जनता गरीब, किसान, मजदूर, बेरोजगार, व्यापारी इनके अहंकारी नीतियों के कारण परेशान व दुखी हैं।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]2019 राजनीतिक क्रांति का वर्ष माना जाएगा – मायावती [/penci_blockquote]
इसी कारण से हम बीएसपी और सपा ने देश के खातिर और खासकर उत्तर प्रदेश के जनता के हित के लिए आम जन भावनाओं का पूरा ख्याल रखते हुए देश के जल्द ही होने वाले आम चुनाव को दोनों एक साथ लड़ने का फैसला किया है। यह निश्चित ही नए वर्ष 2019 राजनीतिक क्रांति का वर्ष माना जाएगा। बीएसपी और सपा के गठबंधन से समाज को नई उम्मीदें जाग गई है। क्योंकि यह चुनाव जीतने के लिए दो पार्टियों का ही एकजुट होना मात्र नहीं है। जबकि यह समाज के अधिकांश आबादी के गरीबों मजदूरों किसानो छोटे व मझोले व्यापारियों युवाओं एवं बेरोजगारों एवं महिलाओं को दलित शोषित व पिछड़ों मुस्लिमों व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए एक नई शक्ति भी है। एक बेहतरीन कल को बनाने वाली सामाजिक परिवर्तन आर्थिक क्रांति का नया आंदोलन भी बन सकता है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]भाजपा ने गलत नीतियों और बेईमानी से अपनी सरकार बनाई – मायावती [/penci_blockquote]
मायावती ने कहा कि आपको मालूम है कि देश में पिछले लोकसभा चुनाव में गलत नीतियों और बेईमानी से अपनी सरकार बनाई है। जिससे जनता दुखी है और ऐसी जन विरोधी पार्टी को सत्ता में आने से रोकने के लिए जिसके लिए हमने पहले भी हुए कुछ विधानसभा और लोकसभा के उपचुनाव में गठबंधन किया था। जिसका नतीजा हम जीते पिछले उपचुनाव में कांग्रेस की तो जमानत जप्त हो गई। देश में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटें हैं। वैसे भी भाजपा की गलत नीतियों से सभी वर्ग अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर आज भी चिंतित हैं। मुझे से जीएसटी और नोटबंदी जैसे फैसलों को लेकर जनता में गहरी नाराजगी है गेस्ट हाउस कांड को भी तरजीह नहीं दी। जनता के हितों को देखते हुए हम दोनों मिलकर एक साथ चुनाव लड़ेंगे। जिस प्रकार हमने लोकसभा और विधानसभा के सभी उपचुनाव में बीजेपी को हराया है। देश में होने वाले लोकसभा चुनाव को संयुक्त रूप से मिलकर अब हम बीजेपी को रोकेंगे। अब सवाल यह उठता है कि हमने इस नए बड़े गठबंधन में कांग्रेस को शामिल क्यों नहीं किया है। जबकि आपको मालूम है कि देश में ज्यादातर कांग्रेस पार्टी नहीं राज किया है उनके शासनकाल में देश में गरीबी बेरोजगारी व भ्रष्टाचार आदि भी सबसे ज्यादा बढ़ा है। जिसके बाद ही सपा बसपा आदि का गठन हुआ।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सपा-बसपा यूपी की 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी- मायावती[/penci_blockquote]
मायावती ने कहा कि केंद्र में चाहे सत्ता कांग्रेस या बीजेपी एंड कंपनी के पास रही हो इन सब की कार्यशैली और सोच नीतियां एक जैसी नजर आती है। देश में रक्षा सौदों जैसे खरीद-फरोख्त मामले में दोनों ही पार्टियों में भ्रष्टाचार रहा है। इसके लिए पूर्व में कांग्रेस को अपनी बोफोर्स मामले में सरकार गवानी पड़ी थी। वहीं अब राफेल मसले पर बीजेपी घिरी हुई है। भाजपा का एजेंडा है कि विशेषकर व अपने विरोधियों को कमजोर करें पूर्व में लगी इमरजेंसी जैसे हालात आज भी मौजूद है और समय घोषित इमरजेंसी थी और इस वक्त बीजेपी के राज में अघोषित इमरजेंसी है। मायावती ने कहा कि पिछली 4 जनवरी को दिल्ली में हुई बैठक के दौरान ये फैसला लिया गया यूपी में 80 लोकसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी 38 बहुजन समाज पार्टी 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दो सीटें रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस के लिए छोड़ी गई हैं। अंत में मायावती ने दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं और प्रदेश वासियों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें भी दी।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]भाजपा की कार्यशैली से भगवान भी दुःखी, भाजपा के अत्याचार का अंत है गठबंधन – अखिलेश यादव[/penci_blockquote]
लखनऊ। मायावती ने जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को संबोधित करने के लिए कहा तो अखिलेश ने मायावती को बहुत धन्यवाद दिया। अखिलेश यादव ने कहा कि दोनों पार्टी का जो गठबंधन मायावती ने स्वीकार किया है। उसके लिए हम उन्हें धन्यवाद देते हैं। समाज के हर वर्ग पर सरकार ने अत्याचार किया है। देश और समाज को एक सूत्र में बांधने की बजाय लोगों में भाईचारा बढ़ाने की बजाए लोगों को बांटने का काम किया है। यहां तक कि भगवान राम को भी दुखी कर दिया है। अस्पताल में इलाज से पहले उनकी जात पूछी जा रही है। एक्सीडेंट में हुई लोगों को इलाज देने से पहले जात पूछी जा रही है। असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा देश में धार्मिक उन्माद फैलाकर भय और आतंक का राज करना चाहती है। बहू बेटियों की इज्जत को सरेआम नीलाम किया जा रहा है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]भाजपा की सरकार में लोग रात में भूखा सोने के लिए मजबूर- अखिलेश [/penci_blockquote]
गरीबों के हजारों बच्चे सरकारी अस्पतालों में रोज मारे जा रहे हैं। कई लोग रात में भूखा सोने के लिए मजबूर हैं। पूरे देश में अराजकता का वातावरण है अन्याय और अशिक्षा के कारण शरीफ लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है। गरीब किसान रोज आत्महत्या कर रहे हैं। देश के नौजवान भाजपा के झूठे वादों से आहत हैं। भाजपा के नेताओं तक अगर पहुंच रही हो तो देश में समाज और नफरत का जहर घोलने वाली भाजपा को रोकने के लिए हमने दोनों ने गठबंधन किया है। हम दोनों मिलकर इनका सफाया करेंगे। हमारा गठबंधन के 1 चुनावी गठबंधन नहीं है। हम दोनों पार्टी के कार्यकर्ता मिलकर बीजेपी के अत्याचार का सफाया करेंगे। सत्ता के मद में चूर भाजपा के नेताओं ने मायावती के ऊपर अशोभनीय टिप्पणी करना शुरू किया था।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]जिस दिन मायावती पर भाजपाइयों ने की थी अशोभनीय टिप्पणी, उसी दिन से दिल में गठबंधन- अखिलेश[/penci_blockquote]
हमारे गठबंधन पर बीजेपी ने उसी दिन मोहर लगा दी थी। जिस दिन हमारे संयुक्त प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर को छल बल से हराने का प्रयास किया था और हमारा मिलना बहुत जरूरी था। मैंने पहले भी कहा था कि हमें अगर गठबंधन करने के लिए दो कदम पीछे भी हटना पड़ा तो हम हटेंगे। लेकिन बीजेपी को हरा कर रहेंगे और मायावती ने एक दूसरे का सम्मान करने का काम किया है। गठबंधन में सपा के लोग मान ले अब कोई मायावती जी का अपमान करेगा। जो मायावती का अपमान करेगा तो वह मेरा अपमान करेगा। समाजवादियों की पहचान है कि सुख और दुख में एक साथ रहते हैं। बीएसपी और सपा के गठबंधन से घबराकर भाजपा तरह-तरह के षडयंत्र सकती है। गलतफहमी पैदा कर सकती है हमारे कार्यकर्ताओं के बीच नफरत का माता पर पैदा कर सकती है। दंगा फसाद करा सकती है, परंतु हमें संयम और धैर्य से काम करना है और आपसी भाईचारे को मजबूत करना है। मायावती द्वारा देश हित में लिए गए ऐतिहासिक फैसले मैं स्वागत करता हूं और मैं यह मानता हूं कि आने वाले समय में दोनों दलों के संबंध और भी प्रगाढ़ होंगे।
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