अटल स्मृति उपवन के लिए सरोजनीनगर के रहीमाबाद में चिंहित चारागाह की जमीन मेयर संयुक्ता भाटिया को पसंद नहीं आई है। जमीन शहर से दूर है और वहां शहरवासियों का पहुंचना सरल नहीं है। लिहाजा मेयर शहर के पास की जमीन चिंहित करने के भी निर्देश दिए हैं। नगर निगम के अधिकारियों और पार्षदों के साथ मेयर ने अटल स्मृति उपवन के लिए चिंहित जमीन को देखा। मेयर का कहना है कि जमीन तो ठीक जगह है लेकिन, शहर से दूर होने से उपवन तक आने में हर किसी को सोचना होगा। इससे उपवन का मकसद ही खत्म हो जाएगा। रहीमाबाद में अटल स्मृति उपवन बनाए जाने के लिए नगर निगम कार्यकारिणी समिति ने भी अपनी मुहर लगा दी थी।
मेयर ने बुधवार को ही उपवन के लिए औरंगाबाद जागीर में दो जगह और अमौसी में एक जमीन को देखा, जो नगर निगम की है। मेयर के साथ नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी, कार्यकारणी समिति उपाध्यक्ष अरुण तिवारी, भाजपा पार्षद नेता रामकृष्ण यादव, मुख्य सचेतक रजनीश गुप्ता, सपा पार्षद दल नेता सैयद यावर हुसैन रेशू, कांग्रेस पार्षद दल नेता ममता चौधरी, पार्षद कौशलेंद्र द्विवेदी, अपर नगर आयुक्त अनिल मिश्र, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद कुमार राव, तहसीलदार सविता शुक्ला, जोनल अधिकारी विनय सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में बनने उपवन की जमीन पर विवाद हो गया था। 29 सितंबर को ही मेयर की अध्यक्षता वाली नगर निगम कार्यकारिणी समिति ने सरोजनीनगर के बिजनौर पर रहीमाबाद में चारागाह की जमीन (खसरा नंबर 985 में दर्ज और उसका क्षेत्रफल 6.375 हेक्टेयर (25 बीघा) पर उपवन बनाने को मंजूरी दी थी लेकिन जिला प्रशासन इस जमीन पर भक्ति खेड़ा गांव के निवासियों को बसाने की योजना बना रहा है। अमौसी एअरपोर्ट की सीमा के विस्तार में भक्ति खेड़ा गांव आ रहा है। जिला प्रशासन का तर्क था कि जमीन ग्राम समाज की है और उसका प्रबंधन भर ही नगर निगम के पास है, जबकि जमीन का मालिक राजस्व विभाग है।
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