उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में बूचड़खाने बंद कराने की बात कही थी. जिसके बाद सत्ता में आते ही बीजेपी की योगी सरकार ने प्रदेश में बूचड़खाने बंद करा दिए थे. जिसके बाद से प्रदेश भर में बूचड़खाने का कारोबार करने वालों मालिकों और कर्मचारियों को काफी बदतर हालात का सामना करना पड़ा रहा है. ताज़ा मामला यूपी के मेरठ का है जहाँ मीट विक्रेता दुकानों में पत्थर लगवाया और और डी फ्रीज की व्यवस्था करने के बावजूद फल्बेंचने को मजबूर हैं.
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मीट लाइसेंस की व्यवस्था न होने पर सिवाल खास छोड़ सकते है मीट व्यापारी-
- योगी सरकार के आने के बाद से मेरठ की सिवालखास विधानसभा में मीट व्यापार बंद है.
- थक हार कर मीट विक्रेताओं ने प्रशासन के कहने पर दुकानों में पत्थर लगवाया.
- साथ ही डी फ्रीज की व्यवस्था भी कर ली है .
- लेकिन अभी भी इन्हें प्रशासन से न तो कोई अनुमति मिली है और न ही मीट लाइसेंस जारी किया गया है.
- जिसके बाद भूखे मरने को मजबूर इन व्यापारियों ने फ्रूट बेचना ही बेहतर समझा है.
- इसमामले में मीट व्यापारी नईम ,इरफ़ान, सत्तार ,सलीम ,मेहराज, नौशाद व वकील कुरैशी सबात की गई.
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- इनका कहना है कि पिछले 2-3 महीने से ये लोग अधिकारियों के चक्कर काट काट कर थक चुके हैं.
- इस दौरान इसके पास जितना पैसा था वह सारा खर्च कर चुके हैं.
- ऐसे में अब इनके बच्चों के भूखे मरने की नौबत आ गई है.
- जिसके चलते ये उधार लेकर अब यह नया काम शुरु कर रहे हैं.
- इनका ये भी कहना है कि अगर प्रशासन ने इनके मीट लाइसेंस व स्लाटर हाउस की व्यवस्था नहीं की.
- तो ये सभी मीट व्यापारी सिवाल खास छोड़ने पर मजबूर हो जायेगे.
- इनका कहना है की ये यहां से कही दूर चले जाएंगे.