इस दुनिया से न हिंदू गया, न मुसलमान गया, हमारे बीच से एक इंसान चला गया…ये मार्मिक बातें उस परिवार ने कही, जिसने अपने मुंहबोले बेटे को उसके धर्म के अनुसार रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया। समुदाय के नाम पर राजनीति करने वाले लोगों के लिए आज मेरठ के इस परिवार की बातें जरूर सुननी चाहिए, न सिर्फ सुननी ही चाहिए बल्कि इसका अनुसरण भी करना चाहिए ताकि आगे से दो समुदायों के बीच नफरत की दीवारें खड़ी करने से पहले, ये सोच लेना चाहिए कि धर्म या जाति कोई भी हो, इंसान को इंसान ही रहने दिया जाए।
रीति-रिवाज से किया अंतिम संस्कार :
- लगभग 20 साल पहले मेरठ के लिसाड़ी गेट के खुशहाल कॉलोनी में रमेश भाटिया नाम का युवक यहां आकर बस गया।
- एक मुस्लिम परिवार ने रमेश को अपने यहां न सिर्फ आश्रय दिया बल्कि अपने परिवार का सदस्य भी मान लिया।
- परिवार से संबंध इतना गहराता चला गया कि इस घर की बेटी ने रमेश को मुंहबोला भाई मान लिया।
- रमेश और ये परिवार हर सुख दुख में एक दूसरे के साथ खड़े दिखाई दिए।
- लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब रमेश बीमार हो गया और उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया।
- लगातार रमेश की हालत बिगड़ती रही और अंत में डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए।
- आज रमेश की अंतिम सांसे थम गई और रमेश इस दुनिया से चला गया।
- रमेश की मौत के बाद चर्चा शुरू हुई कि आखिर यह मुस्लिम परिवार है और रमेश हिंदू है।
- तो रमेश को किस विधि विधान से इस दुनिया से विदाई दी जाए ?
- फिर इस परिवार ने अपने परिवार का सदस्य मानते हुए रमेश को मुखाग्नि देने के लिए मन बनाया।
- और मेरठ के शमशान घाट पर ले गए और सूरज कुंड पर ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया ।
पेश किया मिसाल, नेताओं को दी सबक :
- दो समुदायों के बीच सियासतबाज कितनी ही दूरियां क्यों खड़ी करने की सोचें लेकिन
- जहां आपसी सौहार्द और प्यार होता है वहां सियासत बाजों की बात का कोई असर नहीं होता है।
- इस परिवार ने न सिर्फ रमेश की रीति-रिवाज से अंतिम विदाई दी बल्कि समाज में नफरत फैलाने वालों को नसीहत भी दी।
- भले ही रमेश इस दुनिया से विदा हो गया लेकिन आज अपने पीछे लोगों के दिलों में जो दूरियां थी,
- वह कम करने का संदेश दे गया है।
- आज भले ही रमेश के पीछे परिवार ना हो लेकिन उसके पीछे यह मुस्लिम परिवार हमेशा रमेश को यूं ही याद करता रहेगा।
#मेरठ : मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पेश की एकता की नई मिसाल, हिन्दू धर्म के व्यक्ति का किया विधिवत अंतिम संस्कार! pic.twitter.com/XUDtAcxKsL
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) April 30, 2017