लख़नऊ। उत्तर प्रदेश के मेेेेरठ में पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त छापेमारी मेें 35 करोड़ की एनसीईआरटी की किताबें पकड़ी गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मुताबिक़ सूचना के आधार पर एसटीएफ़ और मेरठ पुलिस की सयुंक्त कार्यवाही थी। छापेमारी के दौरान मौके से एक दर्जन लोगों को हिरासत में भी लिया गया था। साथ ही गोदाम को सील कर मौके से लगभग 35 करोड़ रुपये की एनसीईआरटी की किताबें बरामद की गई हैं। किताबें छापने वाली प्रिंटिंग मशीनों को भी सील कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में इन किताबों की आपूर्ति की जा रही थी।
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— UP POLICE (@Uppolice) August 21, 2020
छापी जा रही थी नकली किताबें प्रिंटिंग मशीनें सील।
पकड़ी गयी एनसीआरटी किताबे प्रिटिंग हो रही थी। फ़िलहाल पुलिस और एसटीएफ़ की सयुंक्त छापेमारी के दौरान 6 प्रिंटिंग मशीनें भी बरामद हुई है। जिसे बाद में सील कर दिया गया। जहा (NCERT) की नकली किताबों की छपाई का काम चल रहा था। मेरठ से किताबों की सप्लाई कई दूसरे राज्यों जैसे उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, मप्र, राजस्थान में हो रही थी। इसके अलावा उप्र के कई जिलों में ये नकली किताबें भेजी जा रही थी।
आर्मी इंटेलीजेंसी की सूचना पर एसटीएफ़ और पुलिस ने की कार्यवाही।
(NCERT) की किताबें मेरठ में बड़े पैमाने पर छापी जा रही थी। सूत्रों की माने तो जब ये किताबें आर्मी स्कूल तक पहुंची तो गुपचुप तरीके से इसकी जांच आर्मी ने अपने स्तर से करवाई। इसके बाद पता चला कि ये किताबें मेरठ के परतापुर इलाके में छापी जा रही है। आर्मी इंटेलीजेंसी इस पूरे मामले की तह तक पहुंच गई। चूंकि मामला सिविल पुलिस का था इसलिए इस पूरे फर्जीवाड़े की जानकारी एसटीएफ केा दी गई। एसटीएफ ने किताबों का फर्जीवाड़ा पकड़ने के लिए जाल बिछाया और मेरठ पुलिस के सहयोग से प्रिटिंग प्रेस में छापा मारकर 35 करोड की फर्जी एनसीईआरटी की किताबों का जखीरा बरामद कर लिया।
कुछ लोगो लिए गए हिरासत में ।
जिस समय एसटीएफ ने प्रिटिंग प्रेस में छापेमारी की उस दौरान उसमें काम चल रहा था। सभी प्रिटिंग मशीन चालू थी और किताबों की छपाई और उनकी बाइंडिंग का काम कर्मचारी कर रहे थे। एसटीएफ ने प्रिटिंग प्रेस में काम कर रहे दो दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में जिनमे महिलाएं भी शामिल थी। हालांकि इन लोगों के नाम पते नोट करके पुलिस ने इनमें से अधिकांश को छोड़ दिया है।