मेरठ में साईबर सेल और पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो फर्जी वीओआईपी कॉल नेटवर्क चलाकर इंटर नेशनल कॉलिंग (International Calling gang) कराता था। इस मामले में पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। साथ वीओआईपी कॉल नेटवर्क के सैट अप भी बरामद किये हैं।
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क्या है पूरा मामला?
- एसपी सिटी मेरठ मान सिंह चौहान ने बताया कि उन्हें डॉट टर्म सेल के डायरेक्टर ऐके वर्मा को एयरटेल कम्पनी द्वारा रिलायंस कम्पनी के मोबाइल नम्बर्स के सम्बन्ध में कुछ गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त हुई।
- इस संबंध में एसएसपी मेरठ के आदेश पर ब्रह्मपुरी थाना में अभियोग पंजिकृत कराया गया था।
- इस मामले में खुलासे के लिए और वीओआईपी नेटवर्क को पकड़ने के लिए साईबर सेल की टीम को लगाया गया और टीम को उस वक़्त सफलता मिली जब फर्जी आईडी पर सिम बेचने वाले विक्रेता अनुभव अरोड़ा, वीओआईपी कॉल नेटवर्क संचालन कर्ता सुमित शर्मा को गिरफ्तार किया गया।
- पकड़े गए अभियुक्तों के पास से 7 जीएसएम मॉडम मय एन्टीना, वाईफाई राऊटर, 3 वायर लैस मॉडम, 1 तिकोना डिवाइस, 1 नेटवर्क स्विच, बहुत सारी पहचा न पत्र की कॉपियां, 5 मोबाइल फोन और कुल 258 सिम आदि बरामद हुए हैं।
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स्काइप पर था चाइना से संपर्क
- पुलिसिया पूछताछ में आरोपी सुमित शर्मा ने बताया कि उसने अपने घर में वीओआईपी कॉल नेटवर्क अमित जो कि दिल्ली का रहने वाला है।
- उसके साथ मिलकर लगाया था और अमित उसे स्काइप पर चाइना की कम्पनी चायना स्काइलाइन टेलिकॉम कम्पनी स्काइप आईडी सम्पर्क करने के लिए दी गई थी।
- जिसके बाद सुमित का गूगल पर ही वाक्स स्पेस कम्पनी के जुऐब, हुसैन, अली आदि से सम्पर्क हो गया और इसके बाद उसके वीओआईपी कॉल नेटवर्क पर चायना स्काइलाइन व वाक्स स्पेस से कॉल मिलनी शुरू हो गई।
- इसके लिए उसे 1500 डॉलर एक माह के मिले और वाक्स स्पेस से उसे 10 हजार रूपये प्रतिदिन के हिसाब से मिलते थे।
- सुमित बीकॉम पास है और इससे पहले अफ्रीका में माराआईजन कंपनी में आईटी हैड रह चुका है।
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