कल खेले गए ऑस्ट्रेलिया और भारत के मुकाबले में भारत की जीत का जश्न मनाने के दौरान एक दरोगा ने सिख युवक की पगड़ी उतार उसके साथ अभद्रता की। युवक द्वारा इस बात का विरोध करने पर पुलिसकर्मियों ने उसे बेरहमी से पीटा और हिरासत में लेकर थाने भेज दिया। इस घटना से क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गयी और भीड़ द्वारा पुलिस पर पथराव भी किया गया।
क्या है पूरा मामला:
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मेरठ के बेगमपुल की घटना, जश्न के दौरान दरोगा प्रमोद ने एक सिख युवक कुलदीप की पगड़ी उतार दी, और उसके साथ अभद्रता की।
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इतना ही नहीं कुलदीप के विरोध करने पर उसकी बेरहमी से पिटाई की गयी, और हिरासत में थाने भी भेज दिया।
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जिसके बाद गुस्साए लोगों ने पुलिस पर पथराव किया।
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एसएसपी और एसपी सिटी मौके पर पहुंचे।
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बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को वहां से खदेड़ा।
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इस दौरान थाना सदर बाजार इंस्पेक्टर गजेंद्र पथराव में घायल हुए।
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पुलिस कार्रवाई का विरोध जताते हुए दिल्ली रोड और आबूलेन की तरफ से पुलिस पर जमकर पथराव किया गया।
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इस पथराव में कई लोग घायल हुए।
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उधर सिख युवक की गिरफ्तारी की खबर पाकर सिख समाज के लोग और व्यापारी सदर बाजार थाने पर पहुंचे और हंगामा करने लगे तो पुलिस ने उन पर भी लाठी फटकारी और खदेड़ दिया।
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देर रात इस मामले में थाना सदर बाजार में सरदार कुलदीप को नामजद और अन्य 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस भीड़ में बावलियों की शिनाख्त के लिए होटल व शोरूम में लगे सीसीटीवी कैमरा से मदद लेगी।
किस हद तक सही है ऐसी ‘अंधी’ ख़ुशी होना:
मेरठ में भारत की जीत की ख़ुशी के जश्न में दरोगा जी कुछ इस तरह बहके की उन्होंने एक सिख युवक की पगड़ी ही उतार दी। जीत की ख़ुशी के जश्न में ‘अंधे’ दरोगा ने इसके बाद सिख युवक के विरोध पर अपने साथी कर्मियों के साथ मिलकर उसकी बेरहमी से पिटाई की और हिरासत में लेकर थाने भेज दिया, जिस कारण थाना सदर बाज़ार क्षेत्र में दंगे की स्थिति उत्पन्न हो गयी। जीत की ऐसी ख़ुशी भी किस काम की यदि आप खुद पर नियंत्रण न रख सकें।