मेरठ में पुलिस की नाक के नीचे बीते 15 सालों से आधा दर्जन अवैध स्लाटर हाउस धड़ल्ले से चलाए जा रहे थे। प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद डीएम के आदेश पर मीट माफियाओं के घंधे पर बड़ी कार्रवाई की गई, लेकिन अब पुलिस के बड़े अफसरों के इशारे पर इन मीट माफियाओं को बचाने के लिए पूरा महकमा लगा दिया गया है।

मीट के आधा दर्जन सैम्पल्स में से 4 सैंपल पुलिस ने सीधे लेबोरेटरी से रिसीवकर लीक कर दिए है। जिन जॉच रिपोर्ट्स को लीक किया गया है उनमें से दो में बीफ होने की आशंका थी।

समाजवादी सरकार के राज से मेरठ में जमे पुलिस अफसर मीट माफियाओं के पैरोकार है। कई बरसों से जब ये कारोबार पुलिस की नाक के नीचे संचालित था तब कयास भर लगाये जाते थे कि पुलिस मीट माफियाओं की चांदी की चमक के सामने घुटने टेके हुए है, लेकिन अब सबूत देख लीजिए।

योगी सरकार के आदेश के बाद अवैध मीट कारोबार पर नकेल कसने के कैम्पेन में मेरठ के आधा दर्जन अवैध स्लाटर हाउसों पर जिला प्रशासन ने ताला डलवा दिया। मुकदमें दर्ज हुए..मांस के सैंपल लेबोरेटरी से टेस्ट कराए गए, लेकिन मेरठ पहुंचने से पहले ही छह में से चार सैंपल लीक हो गए है।

क्या कहना है मेरठ के सीबीओ डॉ0 हरपाल सिंह का…

https://www.youtube.com/watch?v=MVx2-oENIyQ&feature=youtu.be

मीट माफियाओं के लिए लेबोरेटरी से जॉच रिपोर्ट गायब करने वाली खुद मेरठ पुलिस है जिसके ऊपर कानून-व्यवस्था का दारोमदार है।

जिला प्रशासन के आदेश के बाद जिन फैक्ट्रियों में छापे पड़े वहां बड़ी तादात में पशु कटान पाया गया। पशु काटने का लाइसेंस इन फैक्ट्रियों के पास नही था। इन फैक्ट्रियों के पास प्रदूषण विभाग की एनओसी नही मिली, प्राधिकरण से बिल्डिंग के नक्शे पास नही थे। जिला प्रशासन की तमाम अनुमतियों के बगैर ही यहां मुर्गीदाना बनाने की आड़ में पशुओं को अवैध तरीके से काटा जा रहा था।

नियमतया…जिन पशु चिकित्साधिकारियों ने इस फैक्ट्रियों में मांस के सैंपल लिए…लेबोरेटरी की जॉच उन्हीं के पास आनी थी, जिससे केस की गोपनीयता भंग न हो, लेकिन किठौर सीओ विनोद सिंह सिरोही ने मांस की छह में से चार जॉच रिपोर्ट्स सीधे ही लेबोरेटरी से मंगा ली। माना जा रहा है कि मीट माफियाओं को केस में राहत देने के लिए जॉच रिपोर्ट्स लीक की गई है।

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