मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में कापियां बदलकर 600 मुन्नाभाईयों को डाॅक्टर बना दिए गया। मामले का खुलासा होने के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया है। कॉपियां बदलने का धंधा का खुलासा यूपी एसटीएफ ने किया। इस मामले में एसटीएफ ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिसमें 3 विवि के कर्मचारी बताए जा रहें हैं। बता दें कि इस गोरखधंधे में डेढ़ लाख रूपये लेकर कर्मचारी एलएलबी, स्नातक, परास्नातक की कापियां बदली जा रही हैं। मामले का खुलासा तब हुआ जब एसटीएफ ने छापा मारकर एक पूर्व छात्र को गिरफ्तार किया।
कापी बदलकर 600 छात्रों को मुन्नाभाई बनाया
आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि कापी बदलकर इस गैंग ने पूरे चार साल में 600 फर्जी डॉक्टर बना दिए। इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं फर्जी तरीके से पास सभी छात्रों की जांच की जाएगी। कहा कि ऐसे पास छात्रों का दस्तावेजों में कोई रिकार्ड नहीं है। अतः दोषियों को न्याय के कठघरे में लाना कठिन कार्य है। वहीं इस मामले में यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर नरेंद्र कुमार तनेजा ने बताया कि घटना में पहले ही संविदा पर नियुक्त दो कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है, जबकि एक और आरोपी पवन कुमार को निलंबित किया गया है। हम मामले की जांच कर रही सभी एजेंसियों को अपनी ओर से पूरा सहयोग देंगे।
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छापेमारी में पकड़ा गया सरगना
एसटीएफ के एसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि शनिवार को एसटीएफ टीम ने दुर्गापुरम में छापा मारा। जहां एक निर्माणाधीन मकान से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। छापेमारी के दौरान आरोपी के पास से एमबीबीएस सेकंड ईयर की दो लिखी हुई कापियां भी बरामद की गई। एसटीएफ के मुताबिक गैंग के लोग दस हजार की रकम लेकर यूनिवर्सिटी से खाली उत्तर पुस्तिकाएं उपलब्ध कराते थे। बाद में एक विषय में पास कराने के एवज में परीक्षार्थी से रकम वसूली जाती थी।