उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज राजभवन में आयोजित उत्तर प्रदेश बाल कल्याण परिषद की कार्यकारिणी समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर राज्यपाल की प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर, परिषद की महासचिव रीता सिंह, सदस्य एसएस डंग सहित परिषद के अन्य पदाधिकारी, वन विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, महिला कल्याण विभाग के अधिकारी एवं प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
बैठक में राज्यपाल ने परिषद के रिक्त उपाध्यक्ष पद पर डाॅ. एसएस डंग को सर्वसम्मति से मनोनयन के लिए अपनी सहमति प्रदान की। पूर्व उपाध्यक्ष योगेन्द्र नाथ वर्मा की असामयिक मृत्यु के कारण उत्तर प्रदेश बाल कल्याण परिषद का उपाध्यक्ष पद रिक्त चल रहा था। इस अवसर पर दो मिनट मौन धारण करके दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी तथा शोक प्रस्ताव पारित किया गया।
नाईक ने कहा कि परिषद की योजनाओं को निर्बाध रूप से संचालित करने के लिये केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा मिलने वाले वित्तीय अनुदान के बारे में उन्हें परिषद द्वारा शीघ्र जानकारी दी जाये, जिससे संबंधित विभाग से समन्वय करके अनुदानों को समय पर प्राप्त किया जा सके। महिला कल्याण विभाग से पत्र व्यवहार करने के साथ-साथ परिषद के पदाधिकारीगण व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क करके समस्याओं का निराकरण करायें। उन्होंने कहा कि परिषद द्वारा केन्द्र एवं राज्य सरकार से किए गए पत्राचार की प्रति उन्हें उपलब्ध कराई जाए, जिससे संबंधित विभाग के केन्द्र एवं राज्य सरकार के मंत्रियों एवं अधिकारियों से समन्वय करके समाधान किया जा सके।
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बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पूर्व उपाध्यक्ष रामकुमार लीला भार्गव की स्मृति में रूपये 11 हजार का पुरस्कार वीर बालिकाओं को प्रतिवर्ष प्रदान किया जाये। राष्ट्रपति द्वारा वीरता पुरस्कार से सम्मानित नाजिया खान को राजभवन में एक कार्यक्रम का आयोजन करके सम्मानित किया जायेगा। लीलावती मुंशी निराश्रित बालगृह की तीन संवासिनियों के विवाह पर भी चर्चा की गयी। बैठक में परिषद द्वारा किए जा रहे अन्य कार्यों एवं चलायी जा रही योजनाओं पर भी विचार-विमर्श हुआ। राज्यपाल अपनी ओर से कमला भार्गव पुस्तकालय एवं वाचनालय, बालभवन, दरोगा खेड़ा, लखनऊ को बच्चों के उपयोगार्थ पुस्तक भेंट करेंगे। बैठक में 7 दिसम्बर 2017 को संस्था की पूर्व में सम्पन्न हुई बैठक की कार्यवाही प्रस्तुत की गई तथा उस पर विचार हुआ। परिषद की वर्ष 2017 की प्रगति आख्या प्रस्तुत की गई तथा उसका अनुमोदन किया गया।
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