उत्तर प्रदेश के बहराइच जिला के जंगलों में पिछले साल अप्रैल महीने में मिली मोगली गर्ल ने सभी को चौंका दिया था। ये खबर पूरी दुनिया में फैल गई थी। लेकिन उसके बाद ही एक मानसिक विक्षिप्त एक बच्चे को किसी अज्ञात व्यक्ति ने फ़ैजाबाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया। यहां बच्चा डॉक्टरों की निगरानी में आज भी अस्पताल में भर्ती है लेकिन उसे लेने के लिए किसी ने हाथ आगे नहीं बढ़ाया। इसकी जानकारी जब uttarpradesh.org को मिली तो हमारे फैजाबाद संवाददाता आशुतोष पाठक ने मौके पर पूरी जानकारी ली तो चौंकाने वाले तथ्य प्रकाश में आये।
नौ माह से बच्चे की परवरिश कर रहे डॉक्टर
जानकारी के मुताबिक, फैजाबाद जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में एक मानसिक पिछले नौ महीने से भर्ती है। अस्पताल की सिस्टर कमलेश शर्मा ने बताया कि इस मानसिक विक्षिप्त बच्चे को कोई अज्ञात व्यक्ति 28 अप्रैल 2017 को चाइल्ड वार्ड में भर्ती करा गया था। मासूम की उम्र इस समय करीब आठ से नौ साल बतायी जा रही है। जो कि बात करने या नाम पता बताने में पूरी तरह से असक्षम है। सिस्टर ने बताया कि इस संबंध में ज़िला अस्पताल के द्वारा कई बार इलाहाबाद एनजीओ से संपर्क किया। लेकिन एनजीओ ने बच्चे की उम्र कम होने का हवाला देते हुए उसे लेने से इंकार कर दिया।
एनजीओ ने उम्र कम होने का दिया हवाला
NGO ने कहा कि बच्चा छोटा है हम बड़े बच्चों को लेते हैं। तब से बच्चा अस्पताल के स्टाफ की देखरेख में ही रहता है। अस्पताल के कर्मचारियों ने बच्चे का नाम सनी रखा है। उसे प्यार से सभी सनी कहकर बुलाते हैं। अस्पताल का स्टाफ ही मासूम को खाना खाने से लेकर कपड़ों की साफ-सफाई भी करता है। अस्पताल प्रशासन ने हमारे माध्यम से सभी से अपील की है कि बच्चे को लेने के लिए आगे हाथ बढ़ाएं। जानकारों का कहना है कि एक तरफ प्रदेश में कई अनाथालय होने के बाद भी अस्पताल में इतने दिनों बच्चा रह रहा है। अगर उसे कुछ हो जाये तो अस्पताल पर ही लापरवाही का आरोप लगेगा। एनजीओ को आगे आकर बच्चे को ले जाना चाहिए। गौरतलब है कि पिछले साल अप्रैल महीने में ही मोगली गर्ल मिली थी जो चर्चा का विषय बनी हुई थी।