दीवानापन हर इंसान में कुछ ना कुछ लेकर होता है, कोई पढ़ाई के पीछे दीवाना होता है तो कोई भक्ति में देवी देवताओं के प्रति दीवाना होता है। वह अपनी दीवानगी के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार होता है। लेकिन जनपद गाजीपुर में एक दीवाना ऐसा है जो पशु पक्षियों को लेकर इसका दिवाना हो गया है। अपने घर को ही तरह- तरह के पशु पक्षियों से लबरेज़ कर एक तरह से मिनी चिड़ियाघर का ही रूप डे डाला है। ऐसा भी नहीं की वो अपने जुनून में सिर्फ अकेले हो बल्कि इसमें इनका साथ पूरा परिवार देता है।

जनपद गाजीपुर के पीर नगर के राजेंद्र नगर कॉलोनी में रहने वाले यह संजय सिंह है। आप देख सकते हैं कि संजय इस वक्त चिड़ियों को जहां दाना खिला रहे हैं वही अपनी बिल्लियों को भी भोजन करा रहे हैं। बिल्लियों के साथ ही यह अपने कुत्तों को भी भोजन करा रहे हैं ,और अब यह देखिए इन सबको भोजन कराने के बाद शाही को भी भोजन करा रहे हैं।

इनकी रोज की दिनचर्या है संजय जब बहुत छोटे थे तब उन्हें अपने गांव में और अपने घर के आस-पास घूमने वाले जानवरों और पशु पक्षियों से और उनकी आवाज से बहुत प्यार था।

जब यह बड़े हुए तो यही प्यार इनकी दीवानगी में तब्दील हो गई, और संजय ने अपनी दीवानगी और प्यारी पशु पक्षियों के के लिए दिखलाना आरंभ कर दिया।

इन्हें बस पता चल जाए की कोई नई नस्ल की चिड़िया या अन्य पशु पक्षी आए है तो उसे पाने के लिए बेकरार हो जाते हैं । उसे पाने के लिए ना ही पैसों की परवाह करते हैं और ना ही समय की बल्कि उन्हें बस पता चलना चाहिए कि वह है कहां, और उसके बाद उसे अपनी पल्टन में शामिल कर लेते हैं।

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इस तरह संजय इस वक्त अपने घर दर्जनों नस्ल के कबूतर गौरैया बुलबुल के साथ ही विदेशी नस्ल की पिग और वह जानवर जिसके लिए मानता है कि अगर उसका काटा दो घरों में रख दिया जाए तो दोनों घरों में जमकर बवाल हो जाता है।

उस शाही को भी अपने घर का सदस्य बना लिया है संजय इन सभी का बेहद खास तरीके से इनका ध्यान रखते हैं।

इसके लिए यह चार बजे सुबह ही उठ कर किसको क्या जरुरत है उसे पूरा करते हैं और उसके बाद अपनी दिनचर्या शुरू करते हैं।

यहां सबसे हैरानी की बात यहां की इनके घर में कई नस्ल के कुत्ते के साथ कई नस्ल की बिल्लियां एक साथ रहती हैं।

इनमें आपस में कोई मतभेद नहीं है संजय इनके भोजन के साथ ही इनके नाश्ते का भी विशेष प्रबंध के हुए हैं।

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समय-समय पर इन को नाश्ता देते रहते हैं ।इनके इस जनून को देखकर और जानकर इन्हें जानने वाले आते रहते हैं।

इनकी दीवानगी की तारीफ किए बिना नहीं रह पाते ।

इस वक्त संजय इन्ही पशु पक्षियों की देख रेख करते हुए गिर कर घायल भी हो गए।

बावजूद इनके भोजन व नास्ते के वक़्त इनकी आवाज़ को सुन कुर्सियों के सहारे बाहर आते है और इनके लिए भोजन देते है।

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इनकी दीवानगी के कायल पड़ोस में रहने वाले जिलाधिकारी भी है उन्हें भी जब वक़्त मिलता है ।

तो कुछ वक्त इन पंक्षियों के साथ बिताते हैं।

ये सिर्फ पशु पंक्षियों के ही नही बल्कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कई तरह के पौधों को भी अपने गमलों में लगा अपने मिनी चिड़िया घर के खूबसूरती में चार चांद लगाए है।

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