गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने दो ऐसे अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है जो कि अपने आप को पूर्व मुख्यमंत्री, भारत सरकार में मंत्री बताकर फोन किया करते थे। उसके साथ ही गलत काम करने का दबाव डाला करते थे। जब ऐसा ही फोन कॉल गाजियाबाद एसएसपी और डीएम के पास पहुंचा तब जाकर इन दोनों की पोल खुली हैं। आरोपियों में अफ़ज़ाल चौधरी भी शामिल हैं जिसको कल ही अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य पद से हटाया गया हैं।
मुख्यमंत्री बनकर करते थे अधिकारियों को फोन
पुलिस गिरफ्त में दोनों अभियुक्तों के अफजाल चौधरी, आबिद आ गए हैं। अफजाल चौधरी अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य भी हैं। जिसको की सरकार द्वारा एक दिन पहले ही बर्खास्त किया है। बर्खास्तगी की वजह है इन दोनों द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री बनकर अधिकारियों को फोन कॉल कर गलत काम करने के लिए प्रेशर डालना।
इस बात का खुलासा तब हुआ जब गाजियाबाद के थाना ट्रोनिका सिटी में बीती 28 तारीख को एक मारपीट का मामला सामने आया। जिसमें एक पक्ष की सिफारिश के लिए अफजाल चौधरी ने गाजियाबाद पुलिस कप्तान को फोन किया। जिसके बाद गाजियाबाद एसएसपी को अफजाल चौधरी पर शक हुआ। उन्होंने नंबर की डिटेल निकाली और मामला पानी की तरह साफ हो गया और क्राइम ब्रांच टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
मंत्री की मिमिक्री कर डालते थे दबाव
गाजियाबाद SP ने बताया कि पूर्व में भी इन्होंने इस तरह अधिकारियों को कई बार कॉल किया है। इस बात को खुद गिरफ्तार हुए अभियुक्त अफजाल चौधरी ने कबूला है। एसएसपी वैभव कृष्ण का कहना है कि यह लोग बड़े ही शातिर हैं। फर्जी सिम कार्ड से लोगों को फोन किया करते थे। साथ ही जिस मंत्री का नाम लेकर यह फोन कॉल किया करते थे उस मंत्री की मिमिक्री भी यह लोग किया करते थे। जिसकी वजह से अब तक यह पुलिस गिरफ्त से बाहर थे।
डीएम रितु माहेश्वरी को किया था फोन
गाजियाबाद एसएसपी ने बताया कि अफजाल चौधरी अपने आप को भारत सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा और गुजरात सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह बघेला बनकर फोन किया करते थे। गाजियाबाद डीएम रितु माहेश्वरी को भी इन्होंने किसी काम को करने के लिए फोन किया था। इन लोगों के पास से पुलिस ने एक मसर्डिज कार और फर्जी सिम कार्ड भी बरामद किए हैं। गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि इस बारे में अभी तक चीज की जा रही है कि किन-किन अधिकारियों को इन लोगों ने इस तरह फोन करके अपने गलत काम कराए हैं।