आज दिवाली के दिन मेरठ में श्रीराम कृपा से तैरने वाले पत्थर मिले हैं जिसे देखने के बाद हर कोई हैरान हैं. त्रैतायुग के कहे जाने वाले ये तैरते पत्थर लंका तक जाने के लिए बनाये गये रामसेतु में इस्तैमाल किये गये थे. ऐसे ही चमत्कारी पत्थर (miraculous stone floats) दो दिन पहले गंगा नदी में तैरते हुए दिखाई दिये जिसे वहां के मल्लाहो ने लिया था.
श्रद्धा का केंद्र बना ये पत्थर (miraculous stone floats):
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- बता दें कि मेरठ के मकदूमपुर में गंगा किनारे एक हैरान कर देने वाला नजारा सामने आया है.
- गंगा किनारे रहने वाले मल्लाहों को एक पत्थर गंगा की तेज धारा में पानी पर तैरता हुआ मिला है.
- वहीँ लोगों को मानना है कि यह पत्थर (miraculous stone floats) श्रीराम का है और तभी तो यह पानी में डूबता नही है.
- पानी पर तैरने वाले ये पत्थर अब ग्रामीणों के बीच श्रद्धा और चमत्कार का केन्द्र बन गये है.
- वहीँ अब यह पत्थर मकदूमपुर के ग्रामीणों के लिए कौतूहल का विषय है.
- जो भी इस पत्थर के बारे में सुनता है, इसे देखने के लिए दौड़ पड़ता है.
श्री रामचरित मानस में जिक्र है पत्थर का:
- श्री रामचरित मानस में पानी में तैराने वाले इस पत्थर का जिक्र है.
- इन पत्थरों का इस्तमाल श्री राम चन्द्र जी ने रावण की लंका तक पहुँचने के लिए समुद्र पर बनाये पुल के निर्माण में किया था.
- जिन पर वानर सेना श्रीराम लिखती थी और यह पत्थर पानी में तैरते जाते थे.
- वहीँ श्रीरामेश्वर के दर्शन कर चुके लोग बताते है कि पानी के ऊपर तैरने वाले ऐसे पत्थर अभी भी वहाँ मौजूद है.
- जिसके चलते आस्था वश लोग ऐसे पत्थरों को लाकर पूजाघर में रख लेते है.
- वहीँ माना जा रहा है कि पानी पर तैरने वाला जो पत्थर ग्रामीणों को मिला है.
- संभव है कि किसी श्रद्धालु ने गंगानदी में विसर्जित किया हो.
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