राजधानी लखनऊ की हाईटेक पुलिस लाख कोशिश कर ले लेकिंग दबंगों पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है। बेटियों के लिए असुरक्षित राजधानी में रविवार शाम राष्ट्रपति पदक विजेता व राष्ट्रीय शूटिंग चैम्पियन वर्तिका सिंह से कार चालक ने सरेराह अभद्रता व गाली-गलौज की। शूटिंग चैम्पियन ने अपने भाई उत्कर्ष विक्रम सिंह के साथ कार चालक को दौड़ाकर एसजीपीजीआई परिसर में रोक लिया।
उसने अभद्रता का विरोध किया तो कार चालक ने डिग्गी से क्रिकेट बैट निकालकर उस पर हमला करने की कोशिश की। वर्तिका उससे भिड़ गई। सड़क पर हंगामा शुरू हो गया। जानकारी पाकर कार चालक के साथी व संस्थान के वरिष्ठ चिकित्सक मौके पर पहुंच गए। वर्तिका की शिकायत पर आई पुलिस कार्रवाई के बजाए तमाशबीन बनकर खड़ी रही। पीड़ित राष्ट्रीय चैम्पियन ने तहरीर दी, जिस पर केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
इस मामले पर एएसपी उत्तरी अनुराग वत्स का कहना है कि शूटर और डॉक्टर के बीच वाहनों की टक्कर को लेकर विवाद हुआ था। डॉक्टर के शराब के नशे में होने की आशंका पर मेडिकल परीक्षण कराया गया, जिसमें कुछ भी नहीं आया। दोनों तरफ से केस दर्ज करके जांच की जा रही है।
दिल्ली में रहकर कर रही है पीएचडी
वर्तिका ने बताया कि वह प्रतापगढ़ की रहने वाली है और वर्तमान में दिल्ली में रहकर पीएचडी कर रही है। उसके परिवार में शादी है, जिसके लिए वह दिल्ली से आई थी। एसजीपीजीआई परिसर में अपने परिचित के घर रुकी थी। रविवार शाम वह भाई उत्कर्ष विक्रम सिंह के साथ बाइक से एसजीपीजीआई जा रही थी। डेंटल कॉलेज के पास से उत्कर्ष ने आगे चल रही कार को हॉर्न देकर साइड मांगी तो उसने गाड़ी लहरानी शुरू कर दी। उत्कर्ष ने कार को ओवरटेक करने की कोशिश की तो चालक ने टक्कर मार दी। वर्तिका और उत्कर्ष गिरते-गिरते बचे।
गाली-गलौज और अभद्रता की
वर्तिका ने चीखकर कार चालक से सही तरीके से गाड़ी चलाने की बात कही तो वह भड़क उठा और गाली-गलौज करने लगा। इसके बाद उसने बाइक को आगे नहीं निकलने दिया। उत्कर्ष लगातार हॉर्न बजाता रहा लेकिन कार चालक उसकी बाइक के सामने से नहीं हटा। एसजीपीजीआई के गेट पर पहुंचते ही कार चालक रुका तो वर्तिका ने बाइक से उतरकर विरोध जताया। इस पर वह गाली-गलौज और अभद्रता करने लगा। उसने कार की डिग्गी से क्रिकेट बैट निकालकर वर्तिका को मारने की कोशिश भी की। वर्तिका का कहना है कि कार एसजीपीजीआई का डॉक्टर चला रहा था। झगड़े की जानकारी पाकर संस्थान के कई डॉक्टर एकत्र हो गए। वर्तिका ने पुलिस को सूचना दी तो प्रभारी निरीक्षक रविंद्र नाथ राय भी आ गए।
कार में मिले बियर के कैन
वर्तिका का कहना है कि कार चला रहा डॉक्टर बीयर पी रहा था। वह बुरी तरह से नशे में धुत था। वर्तिका ने पुलिस को सूचना दी तो उसने कार से कैन गायब कर दिए। हालांकि, पुलिस के सामने उसने बीयर पीने और नशे में होने की बात कुबूली थी।
थानाध्यक्ष में मुकदमेबाजी में न पड़ने की दी सलाह
वर्तिका ने बताया कि डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही तो प्रभारी निरीक्षक रविंद्र नाथ राय ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने और मुकदमा चलाने की प्रकिया काफी लंबी होती है। उन्होंने वर्तिका से कहा कि एक बार घरवालों से बात कर लो। हालांकि, वह कार्रवाई की मांग पर डटीं रहीं।
राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में जीत चुकी स्वर्ण पदक
वर्तिका ने राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है। वह वर्ष 2013-14 में दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर वीमेन की छात्रसंघ अध्यक्ष भी रही हैं। वर्ष 2012 में उसने जर्मनी तथा वर्ष 2013 में सिंगापुर में आयोजित शूटिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। बकौल वर्तिका, वर्ष 2013 में ही उन्हें राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया था। उसके पिता कृष्ण प्रताप सिंह का प्रतापगढ़ में ही एक इंटर कॉलेज है, जबकि मां किरन प्राथमिक शिक्षिका हैं। उन्होंने गोरखपुर के विद्यालयों में बालिकाओं को शूटिंग का प्रशिक्षण भी दिया है।
वीमेन पॉवर लाइन से नहीं मिली मदद
कार चालक ने क्रिकेट बैट निकालकर हमला करने की कोशिश की तो वर्तिका ने पुलिस कंट्रोलरूम का नंबर मिलाया। कई बार कॉल करने के बाद भी नंबर नहीं लगा तो उसने वीमेन पॉवर लाइन 1090 नंबर डायल किया। वहां पर कॉल करके उसने शिकायत की तो कॉल टेकर ने उसका नाम-पता पूछा। पता बताने पर कॉल टेकर ने कहा कि वह प्रतापगढ़ जाकर ही शिकायत करें। वर्तिका कहती रही कि वह लखनऊ में है और उससे अभद्रता यहीं पर हुई है लेकिन कॉल टेकर ने उसे प्रतापगढ़ जाने की सलाह देकर फोन काट दिया।